Sunday 3 July 2016

2 July 2016..1.समान नागरिक संहिता की ओर बढ़े कदम :

 कानून मंत्रालय के विधिक विषयक विभाग ने विधि आयोग से कहा समान नागरिक संहिता का अध्ययन करे:- समान नागरिक संहिता पर कोई फैसला करने से पहले व्यापक विचार विमर्श की जरूरत का संकेत देते हुए सरकार ने विधि आयोग से इस मुद्दे का अध्ययन करने को कहा है। कानून मंत्रालय के विधिक विषयक विभाग ने आयोग से इस संबंध में रिपोर्ट भी देने को कहा है।कानून मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने पहले कहा था कि इस मुद्दे को अध्ययन के लिए विधि आयोग के पास भेजा जा सकता है। आमसहमति कायम करने के लिए विभिन्न पर्सनल लॉ बोडरें और अन्य पक्षों के साथ व्यापक परामर्श किया जाएगा और इस प्रक्रि या में कुछ वक्त लग सकता है। उन्होंने कहा था, ‘‘यहां तक कि संविधान की प्रस्तावना और अनुच्छेद 44 भी कहते हैं कि एक समान नागरिक संहिता होनी चाहिए.. उसके लिए व्यापक परामर्श करने की जरूरत है।’उन्होंने कहा था कि निर्णय एक या दो दिन में नहीं लिया जा सकता। उसमें वक्त लगेगा। एक समान संहिता का क्रि यान्वयन भाजपा के चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा है। विधि आयोग से इस मुद्दे के अध्ययन के लिए कहा जाना इस मायने में अहम है क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में कहा था कि वह तीन बार तलाक की संवैधानिक वैधता पर निर्णय करने से पहले आम लोगों और अदालत में व्यापक बहस पसंद करेगा। कई लोगों की शिकायत है कि तीन बार तलाक बोलने की व्यवस्था का मुस्लिम पुरूष अपनी पत्नियों को मनमाने ढंग से तलाक देने के लिए दुरूपयोग करते हैं।

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