प्रवासी भारतीयों के लिए भारत में मतदान का अधिकार और राय सभा में प्रतिनिधित्व दिए जाने की मांग उठी है। अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में मांगों को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया है। ग्लोबल आर्गेनाइजेशन ऑफ पीपल ऑफ इंडियन ओरिजिन (जीओपीआइओ) ने प्रस्ताव में कहा, ‘निर्वाचन आयोग को भारत में होने वाले अगले आम चुनाव से पहले इलेक्ट्रानिक वोटिंग प्रक्रिया को अंतिम रूप दे देना चाहिए।’ यह प्रस्ताव न्यूयॉर्क में सप्ताहांत के दौरान हुए सालाना सम्मेलन में पारित किया गया। इस समय प्रवासी भारतीयों की संख्या करीब एक करोड़ है। उनका अपनी नागरिकता के लिए देश की निर्णय लेने की प्रक्रिया में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। जीओपीआइओ ने कहा, ‘हम भारत सरकार से राय सभा (संसद के ऊपरी सदन) के सदस्य के तौर पर कुछ प्रवासी भारतीयों को मनोनीत करने का आग्रह करते हैं। इससे भारत और प्रवासी भारतीय समुदाय के बीच जुड़ाव और प्रगाढ़ होगा।’ इस सम्मेलन में 20 देशों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। जीओपीआइओ के अनुसार, यह गौर करने की बात है कि कई प्रवासी भारतीय उन शिक्षण संस्थाओं की मदद करना चाहते हैं जहां से उन्होंने शिक्षा प्राप्त की थी। उनकी अपने गांवों और शहरों में स्कूल व कॉलेज खोलने के अलावा सामाजिक और पर्यावरण मसलों पर सहयोग करने की भी इछा रहती है, लेकिन उन्हें बड़ी रुकावटों का सामना करना पड़ता है। इन मकसदों को मंजूरी मिलने में गृह मंत्रलय से लंबा वक्त लगता है। इन्हें व्यवस्थित और बेहतर बनाने की जरूरत है।
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