ऑस्ट्रेलिया में त्रिशंकु संसद गठित होने के आसार हैं। शनिवार रात तक आधे से यादा मतों की गणना के बाद प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल के कंजरवेटिव गठबंधन और विपक्षी लेबर पार्टी के नेता बिल शॉर्टेन के बीच कांटे की टक्कर दिख रही थी। 1600 प्रत्याशी चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं। 55 दलों के इन प्रत्याशियों में पांच भारतीय मूल के भी हैं। सिडनी में 61 वर्षीय टर्नबुल ने अपनी पत्नी लूसी के साथ डबल बे पब्लिक स्कूल जाकर मतदान किया। प्रधानमंत्री टर्नबुल द्वारा दोनों सदनों को भंग किए जाने की घोषणा के बाद आठ सप्ताह तक प्रचार चला। 45वीं संसद के सभी 226 सदस्यों का चुनाव करने के लिए मतदान कराया गया है। चुने जाने वाले सदस्यों में 150 सदस्य निचले सदन प्रतिनिधि सभा के लिए चुने जाएंगे। भंग हुई प्रतिनिधि सभा में लेबर के पास 55 सीटें थीं, जबकि गठबंधन के पास 90 और पांच सीटें छोटी पार्टियों या निर्दलीय के खाते में थीं। सत्ताधारी गठबंधन को राष्ट्रीय स्तर पर विरोधी हवा का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर उसे 3.6 फीसदी मतों का नुकसान होने का अनुमान है। गठबंधन को न्यू साउथ वेल्स, दक्षिण आस्ट्रेलिया और तस्मानिया में नुकसान तय माना जा रहा है। 70 फीसदी से यादा मतगणना होने तक गठबंधन 73 सीटों पर जीत की ओर था, जबकि 66 सीटों पर लेबर की जीत तय थी। शॉर्टेन ने विक्टोरिया में अपने पार्टी समर्थकों से कहा कि परिणाम लेबर की नीतियों पर मुहर लगाने के करीब पहुंचने जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘एक बात तय है कि लेबर पार्टी सत्ता में लौट रही है।’
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