संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक सन् 2030 तक दुनिया में पांच साल से कम आयु के बच्चों की मौत के आधे से अधिक मामले भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, कांगो और अंगोला में होंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि वंचित तबके के बच्चों की देखभाल नहीं की गई तो अगले 14 साल में पांच साल से कम उम्र के 6.9 करोड़ बच्चे मौत का शिकार बन जाएंगे।यूनिसेफ की सालाना रिपोर्ट ‘‘द स्टेट ऑफ द र्वल्ड चिल्ड्रेन’ ने सरकारों, दानदाताओं, कारोबारियों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा बच्चों की जरूरतों को पूरा करने कोशिश तेज नहीं किए जाने की स्थिति में एक भयावह तस्वीर पेश की है। यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक एंथनी लेक ने कहा है कि करोड़ों बच्चों को जीवन में उचित मौका नहीं मिल पाना उनके भविष्य को कहीं अधिक जोखिम में डालेगा। यह समाज के भविष्य को जोखिम में डालेगा। उन्होंने कहा, हमारे पास एक विकल्प है। इन बच्चों में अभी निवेश करें या अपनी दुनिया को कहीं अधिक असमान और विभाजित होने दें। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाल एवं मातृत्व स्वास्य पर प्रगति आने वाले बरसों में सरकारों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नीतियों के चुनने के परिणामस्वरूप बढ़-घट सकती है। हालांकि, यदि मौजूदा रूझान जारी रहा तो सिर्फ 2030 में ही 36 लाख बच्चों की मौत होगी।
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