विभिन्न देशों में आतंकी हमलों में आई तेजी के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि आतंकवाद दुनिया के समक्ष ‘‘सबसे बड़ा खतरा’ है, साथ ही भारत और मोजांबिक के बीच सुरक्षा और रक्षा सहयोग को मजबूत बनाने की वकालत भी की जो हिंद महासागर से जुड़े हुए हैं। मोजांबिक के राष्ट्रपति फिलिप न्यूसी के साथ मोदी की विविध विषयों पर र्चचा के बाद एक महत्वपूर्ण ‘‘दीर्घकालीन’ समझौते पर हस्ताक्षर किया गया जिसके तहत भारत इस देश से दाल खरीदेगा ताकि इसकी कमी को पूरा किया जा सके और कीमतों को नियंत्रित किया जा सके।भारत को मोजांबिक का ‘‘विश्वस्त मित्र’ और ‘‘भरोसेमंद सहयोगी’ करार देते हुए प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि अफ्रीकी देश में जन स्वास्य पण्राली को मजबूत बनाने के प्रयास के हिस्से के तौर पर एड्स के उपचार समेत अन्य आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। भारत, मोजांबिक में सुरक्षाबलों की क्षमता के निर्माण में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने इस अफ्रीकी देश को विकास और प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ाने में सहयोग का संकल्प व्यक्त किया।मोजांबिक के राष्ट्रपति न्यूसी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने कहा, हम अपने लोगों के फायदे के लिए विकास और आर्थिक प्रगति चाहते हैं। हम अपने लोगों की सुरक्षा चाहते हैं। दोनों नेताओं ने आपसी कारोबार और निवेश बढ़ाने और अन्य क्षेत्रों में सहयोग के विभिन्न आयामों पर र्चचा की। उन्होंने कहा, आतंकवाद आज दुनिया की सुरक्षा के समक्ष सबसे बड़ा खतरा है। प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी बांग्लादेश और सऊदी अरब समेत दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आतंकी हमलों की घटनाओं में हुई वृद्धि की पृष्ठिभूमि में सामने आई है।प्रधानमंत्री ने कहा, आतंकवाद का नेटवर्क मादक पदार्थो की तस्करी समेत अन्य अपराधों से जुड़ा हुआ है और इस पर लगाम लगाने के लिए भारत और मोजांबिक ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। भारत और मोजांबिक के हिंद महासागर से जुड़े होने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने नौवहन क्षेत्र समेत अन्य क्षेत्रों में उभरती हुई सुरक्षा चुनौतियों पर र्चचा की और कहा कि दोनों देश सुरक्षा और रक्षा सहयोग बढ़ाएंगे। मोदी ने कहा कि भारत, मोजांबिक के सुरक्षाबलों की क्षमता निर्माण में मदद करेगा और प्रशिक्षण एवं उपकरण मुहैया कराएगा।प्रधानमंत्री चार अफ्रीकी देशों की पांच दिवसीय यात्रा के पहले चरण में बृहस्पतिवार सुबह मोजांबिक पहुंचे। मोदी ने कहा, हमारा सहयोग हमारी साझी क्षमताओं और हितों से संचालित है..मोजांबिक की ताकत भारत की जरूरत है और मोजांबिक की जरूरत की पूर्ति भारत कर सकता है ।
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