अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में गिरावट से भंडारण नुकसान कम होने की बदौलत वित्त वर्ष 2015-16 में तेल विपणन क्षेत्र की सरकारी कंपनियों आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल के मुनाफे में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई।सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी तेल एवं गैस विपणन कंपनी इंडियन आयल कापरेरेशन (आईओसी) का सकल शुद्ध मुनाफा 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2015-16 में दो गुणा से अधिक बढ़कर रिकार्ड 11219.22 करोड़ रपए पर पहुंच गया। कंपनी के अध्यक्ष बी. अशोक के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में आई गिरावट के परिणाम स्वरूप भंडारण नुकसान कम होने से रिकार्ड मुनाफा हुआ है। इसके अलावा अंडर रिकवरी (सब्सिडी पर होने वाले व्यय) घटने से भी कंपनी के मुनाफे में भारी बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनी भारत पेट्रोलियम कापरेरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के सकल शुद्ध मुनाफे में 66.05 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 4806.57 करोड़ रपए से बढ़कर 7981.51 करोड़ रपए पर पहुंच गया। ¨हदुस्तान पेट्रोलियम कापरेरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को वित्त वर्ष 2015-16 में सकल आधार पर 4921.49 करोड़ रपए का शुद्ध लाभ हुआ जो वित्त वर्ष 2014-15 के 1498.58 करोड़ रपए के मुकाबले तीन गुणा अधिक है। वहीं, आयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) का मुनाफा 2608.4 करोड़ रपए की तुलना में 23.17 फीसद गिरकर 2003.91 करोड़ रपए रह गया।अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में रही भारी गिरावट का फायदा सरकार ने आम आदमियों को भले ही न पहुंचाया हो लेकिन तेल कंपनियों को जरूरत पहुंचाया है। कच्चा तेल सस्ता होने के बावजूद सरकार ने तेल कंपनियों पर कीमतें घटाने का दबाव नहीं डाला। जिसकी वजह यह रही कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल सस्ता होने से सरकार ने इसपर शुल्क में बढ़ोतरी करके सारा फायदा खुद लेने की कोशिश की।
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