Thursday, 26 May 2016

27 May 2016..4. भारत से बड़े रक्षा सहयोग के लिए अमेरिका तैयार:-

चीन की आक्रामक सैन्य तैयारी के बीच अमेरिकी संसद ने दलगत भावना से ऊपर उठकर भारत के साथ मजबूत सैन्य संबंध स्थापित करने के लिए ओबामा सरकार से कहा है। अमेरिकी संसद के उच सदन सीनेट में भारत के साथ मजबूत रक्षा संबंधों के पेश प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सांसदों ने भारतीय सेना के आधुनिकीकरण के लिए अत्याधुनिक तकनीकी दिए जाने की वकालत की। शक्तिशाली विदेशी मामलों की समिति के अध्यक्ष सांसद बॉब कॉर्कर ने कहा कि यह जरूरी हो गया है कि वाशिंगटन और दिल्ली एक साथ खड़े होकर लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करें। हिन्द और प्रशांत महासागर क्षेत्र को मजबूत करें। ऐसे में जबकि चीन इलाके में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है, तभी दोनों देशों के साथ आने की जरूरत और बढ़ जाती है। पिछले बीस साल में अमेरिका और भारत के संबंधों का महत्व बदला है। इस समय दोनों देशों के बीच अभूतपूर्व राजनीतिक, आर्थिक और सामरिक साङोदारी है। इस साङोदारी को और मजबूत किए जाने की जरूरत आ गई है। अब वैश्विक स्तर पर सहयोग के लिए दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा सहयोग जरूरी है। वरिष्ठ सांसद बेन कार्डिन ने कहा, भारत और अमेरिका के बीच बहुत सारी चीजें एक जैसी हैं। चीन की गतिविधियां खासतौर पर दक्षिण चीन सागर की स्थिति भारत और अमेरिका को साथ काम करने के लिए हालात बना रही हैं। दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा सहयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमें आतंकवाद विरोधी अभियान में साथ काम करना है। हमें 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले को नहीं भूलना है। सांसद मार्को रूबियो ने कहा, हम भारत को चीन के संतुलन में तैयार होता देख रहे थे। लेकिन यहां मामला इससे भी बढ़कर है। भारत में बहुत ज्यादा संभावनाएं विद्यमान हैं। वह हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए पूरी तरह से विश्वसनीय है। चर्चा में सांसद टिम कैन ने भारत के साथ मिलकर रक्षा के क्षेत्र में बड़े काम किए जाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने 2014 में मझगांव डॉकयार्ड के अपने दौरे का जिक्र किया, जहां नौसेना के लिए जहाज बनाए जा रहे थे।

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