Monday, 16 May 2016

दैनिक समसामयिकी 16 May 2016(Monday)

1.सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण
• संपूर्ण रूप से बहुस्तरीय बैलेस्टिक मिसाइल रक्षा पण्राली हासिल करने के प्रयास के तहत भारत ने स्वदेशी सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
• यह मिसाइल उसकी ओर आने वाली किसी भी शत्रु बैलेस्टिक मिसाइल को नष्ट करने की क्षमता रखती है।रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के सूत्रों ने बताया, ‘‘उड़ान की स्थिति में इंटरसेप्टर के कई मानकों का सत्यापन करने के लिए यह परीक्षण किया गया जो सफल रहा है।’ इस इंटरसेप्टर के लिए पृवी मिसाइल के नौसैन्य संस्करण को लक्ष्य के तौर पर स्थापित किया गया।
• इस लक्ष्य को बंगाल की खाड़ी में खड़े पोत से छोड़ा गया था। लक्ष्य वाली मिसाइल को रविवार को दिन में करीब 11.15 बजे दागा गया और इंटरसेप्टर ‘‘एडवांस्ड एयर डिफेंस (एएडी) मिसाइल को अब्दुल कलाम द्वीप पर तैनात किया गया था जिसे रडार से संकेत मिल रहे थे।
• इस इंटरसेप्टर ने लक्ष्य वाली मिसाइल को काफी ऊंचाई पर ही नष्ट कर दिया। डीआरडीओ के एक वैज्ञानिक ने कहा, ‘‘इंटरसेप्टर की मारक क्षमता का आकलन कई निगरानी सोतों से किया गया।’ इंटरसेप्टर 7.5 मीटर लंबा मजबूत रॉकेट है जो नौवहन पण्राली, हाईटेक कंप्यूटर और इलेक्ट्रो-मैनिकल एक्टिवेटर की मदद से गाइडेड मिसाइल से संचालित होता है।
2. 4 भारतीय शांतिरक्षकों को मिलेगा यूएन मेडल
• संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षण अभियानों में सेवा देते हुए मारे गए चार भारतीय शांतिरक्षकों और एक नागरिक सहित अन्य 124 कर्मियों को उनके साहस एवं बलिदान के लिए मरणोपरांत प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र पदक से सम्मानित किया जाएगा।अंतरराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक दिवस पर इन लोगों को डैग हैमरस्कजोल्ड मेडल दिया जाएगा। भारतीय शांतिरक्षकों में हेड कांस्टेबल शुभकरण यादव, रायफलमैन मनीष मलिक, हवलदार अमल डेका, नायक राकेश कुमार शामिल हैं।
• उनके साथ गगन पंजाबी भी मारे गए। यादव ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र संगठन स्थिरीकरन मिशन (मोनुस्को) में सेवा देते हुए अप्रैल में शहीद हो गए थे। मलिक भी इसी मिशन में सेवा देते हुए अगस्त में शहीद हो गए। डेका संयुक्त राष्ट्र मुक्ति पर्यवेक्षण बल (यूएनडीओएफ) में सेवा देते हुए पिछले साल जून में शहीद हो गए और कुमार की जनवरी 2015 में संयुक्त राष्ट्र दक्षिण सूडान मिशन) (यूएनमिस) में सेवा देते हुए मारे गए।
• गगन पंजाबी संयुक्त राष्ट्र स्वयंसेवक कार्यक्र म के तहत नागरिक क्षमता में काम करते हुए पिछले साल जनवरी में एक हादसे का शिकार हो गए और उनकी मौत हो गयी।
• संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक दिवस हर साल 29 मई को मनाया जाता है लेकिन इस साल यह 19 मई को मनाया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून सभी शहीद शांतिरक्षकों को पुष्पचक्र अर्पित कर समारोह की शुरुआत करेंगे। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बाद में एक समारोह की अध्यक्षता करेंगे जिसमें 2015 में शांतिरक्षण अभियानों में सेवा देते हुए मारे गए 129 सैन्य, पुलिस और असैन्य कर्मियों को मरणोपरांत पदकों से सम्मानित किया जाएगा।
• संयुक्त राष्ट्र में अलग अलग देशों के स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत अपने अपने शांतिरक्षकों की तरफ से पदक लेंगे। अंडर सेकेटरी जनरल फोर फील्ड सपरेट अतुल खरे ने कहा, शांतिरक्षक बलों के बहादुर पुरु ष और महिला कर्मी हमें साहस और गौरव के साथ सेवा देने और अपने काम में लगातार सुधार और नवाचार करने की प्रेरणा देते हैं।
• भारत संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षण अभियानों में सबसे बड़े योगदानकर्ता देशों में शामिल हैं। भारत के सैन्य और पुलिसकर्मी बड़ी संख्या में साइप्रस, कांगो, हैती, लेबनान, दक्षिण सूडान सहित कई देशों में संयुक्त राष्ट्र मिशनों में तैनात हैं।
3. इसी महीने स्वदेशी अंतरिक्ष यान भेजेगा इसरो
• भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इस समय ‘स्पेस शटल’ के पहले प्रक्षेपण की तैयारी कर रहा है। इसरो का यह प्रयास पूरी तरह से ‘मेड-इन-इंडिया’ है। फिलहाल इस यान को श्रीहरिकोटा में अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके बाद प्रक्षेपण से पहले की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी।
• ‘एयरोप्लेन’ के आकार के 6.5 मीटर लंबे और 1.75 टन भारी इस अंतरिक्ष यान को एक विशेष रॉकेट बूस्टर की मदद से वायुमंडल में भेजा जाएगा। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, तिरुअनंतपुरम के निदेशक के सिवान ने कहा कि ये हनुमान के बड़े कदम की दिशा में अभी नन्हे कदम हैं। वैसे तो बड़े देश एक द्रुतगामी और पुन: इस्तेमाल किए जा सकने वाले प्रक्षेपण यान के विचार को खारिज कर चुके हैं, लेकिन भारत के मितव्ययी इंजीनियरों का मानना है कि उपग्रहों को कक्षा में प्रक्षेपित करने की लागत को कम करने का उपाय यही है कि रॉकेट को दोबारा इस्तेमाल के लायक बनाया जाए।
• इसरो के वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि फिर से इस्तेमाल की प्रौद्योगिकी सफल होती है, तो वे प्रक्षेपण की लागत को 10 गुना कम करके 2000 डॉलर प्रति किलो पर ला सकते हैं। सब कुछ ठीक रहा, तो इसी माह श्रीहरिकोटा से स्वदेश निर्मित रीयूजेबल लांच व्हीकल- टेक्नोलॉजी डेमोनस्ट्रेटर (आरएलवी-टीडी) का प्रक्षेपण हो सकता है।
• यह पहला मौका होगा जब इसरो डेल्टा पंखों से लैस अंतरिक्षयान को प्रक्षेपित करेगा। प्रक्षेपण के बाद यह बंगाल की खाड़ी में लौट आएगा।हालांकि, अंतिम प्रारूप को तैयार होने में कम-से-कम 10 से 15 साल का समय लगेगा।
• जिस क्षेत्र में वैश्विक शक्तियां विफल रही हैं, उस क्षेत्र में भारतीय सफलता हासिल करने की उम्मीद रख सकते हैं, क्योंकि इसरो के लिए सफलता एक आदत बन गई है। भारतीय स्पेस शटल के निर्माण में पांच साल लगे हैं। सरकार ने इस परियोजना में 95 करोड़ रुपयों का निवेश किया है।
4. कर्मचारियों के अधिकार सबसे ऊपर :कंपनी के दिवालिया होने पर उसकी संपत्ति से मिलने वाली रकम में पहला हिस्सा कर्मचारियों का
• केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने रविवार को कहा कि नए दिवाला कानून से अवरुद्ध ऋणों की वसूली तेज होगी और अगर कोई कंपनी दिवालिया होती है तो उसकी संपत्ति को बाजार पर चढ़ाने से होने वाली आय में सबसे पहला हिस्सा कर्मचारियों का लगेगा।
• वित्त राज्यमंत्री ने यह भी कहा कि नए कानून से खस्ताहाल कंपनियों को समेटने में लगने वाले समय में भी उल्लेखनीय कमी आएगी और पूरी प्रक्रि या ज्यादा आसान होगी। सिन्हा ने कहा, ‘‘दिवालिया कानून से वसूली प्रक्रि या आसान और प्रभावी होने जा रही है।’
• संसद के दोनों सदनों ने दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता 2015 को मंजूरी दे दी। यह एक सदी पुराने चार कानूनों को एकीकृत करने वाला है जिनकी सीमाएं एक दूसरे के साथ गड्डम गड्ड होती थीं। नए कानून का उद्देश्य देश में कारोबारी इकाई से निकलने या उसे परिसमाप्त करने की प्रक्रि या सरल बना कर कुल मिला कर कारोबार करने को सुगम बनाना है।
• नया कानून बैंक कर्ज के पुनभरुगतान में गंभीर चूक जैसे वित्तीय दबाव के पहले के संकेत के आधार पर कर्मचारियों, ऋणदाताओं तथा शेयरधारकों को कंपनी बंद करने की प्रक्रि या शुरू करने को लेकर सशक्त बनाता है।इसके तहत मामलों को 180 दिन के अंदर निपटा दिया जाएगा निर्णायक अधिकारी प्रवर्तकों को समाधान के लिए 90 दिन का अतिरिक्त समय भी दे सकते हैं।
• नया कानून संबंधित कंपनी के दिवालिया होने की स्थिति में कर्मचारियों के हितों की रक्षा करता है। कंपनी की संपत्ति को बाजार पर चढ़ाने से प्राप्त राशि का उपयोग कर्मचारियों के 24 महीने तक के वेतन भुगतान में प्राथमिक आधार पर करने का प्रावधान है।सिन्हा ने कहा, ‘‘कर्मचारियों तथा ऋणदाताओं का अधिकार उल्लेखनीय रूप से मजबूत हुआ है। और अगर वास्तव में चूक का मामला आता है, कर्मचारियों को सबसे पहले उनका अधिकार मिलेगा।’
• नए कानून में भारतीय शोधन अक्षमता एवं दिवाला परिषद नाम की एक नई संस्था के गठन का प्रावधान है जो शोधन अक्षमता से जुड़े पेशेवरों तथा सूचना कंपनियों को नियंत्रित करेगी। जयंत सिन्हा ने कहा कि शोधन अक्षमता से संबद्ध पूरा बुनियादी ढांचा समेत पूरा ढांचा अगले 12 महीने में अस्तित्व में आ जाएगा।
• उन्होंने कहा, ‘‘शोधन अक्षमता परिषद शोधन अक्षमता से जुड़े पेशेवरों तथा सूचना प्रदाताओं को नियमित करेगी।’ सिन्हा ने कहा कि परिषद के लिए प्रतिष्ठित व विशिष्ट व्यक्तियों को चुना जाएगा। इसके लिए एक चयन समिति बनायी जाएगी। अगर शोधन अक्षमता के मामले का समाधान नहीं हो सकता है तो कर्जदार कंपनी की संपत्ति को बेचा जा सकता है ताकि ऋण देने वालों के पैसे को लौटाया जा सके।
• मामले के लंबित होने तक देनदार का प्रबंधन समाधान करने वाले पेशेवरों के हाथों में होगा।नए कानून में कंपनियों तथा सीमित जवाबदेही वाली भागीदारी कंपनियों के ल्एि मामलों के निपटान के लिए राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का प्रावधान है और व्यक्तियों तथा भागीदारी वाली कंपनियों के लिए यही काम ऋण वसूली न्यायाधिकरण करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इसके अलावा हमें एनसीएलटी तथा इसके अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी को मजबूत करना है।

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