Wednesday, 18 May 2016

दैनिक समसामयिकी 18 May 2016(Wednesday)

1.चीन का ‘‘डिजिटल रेशम मार्ग’ का प्रस्ताव:- चीन ने ‘‘अर्थ आब्जर्वेशन’ के लिए अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सहयोग कार्यक्र म का प्रस्ताव रखा है ताकि पेइचिंग की रेशम मार्ग महापरियोजना को डिजीटल मदद मुहैया कराई जा सके। ‘‘अर्थ आब्जव्रेशन फॉर वन बेल्ट एंड वन रोड’ पर सोमवार को यहां एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में ‘‘डिजिटल रेशम मार्ग’ का प्रस्ताव रखा गया। इस समारोह में अर्थ आब्जव्रेशन से जुड़े 300 से अधिक विद्वानों एवं रेशम मार्ग के पास के 40 से अधिक देशों एवं इलाकों के विशेषज्ञों ने भाग लिया। समारोह में यूनेस्को जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी भाग लिया।चाइनीज अकादमी ऑफ साइंसेस (सीएएस) के एक विद्वान गुओ हुआदोंग ने कहा, अंतरिक्ष आधारित अर्थ आब्जव्रेशन तकनीक से रेशम मार्ग के बारे में लोगों में तेजी से, वृहद और अधिक सटीक तरीके से समझ विकसित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि ‘‘डिजिटल रेशम मार्ग’ कार्यक्र म पट्टी एवं मार्ग संबंधी पहलों के लिए सांख्यिकी एवं पर्यावरणीय सूचना मुहैया कराएगा और निर्णय लेने में सहायता करेगा। संवाद समिति शिंहुआ के अनुसार सीएएस के एक अन्य विद्वान फु बोजी ने उम्मीद जताई कि अर्थ आब्जव्रेशन तकनीक का इस्तेमाल रेशम मार्ग के सटे देशों में प्राकृतिक संसाधनों संबंधी अनुसंधान को प्रोत्साहित करने में किया जा सकता है जिससे द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय सहयोग बढ़ेगा। गुओ ने कहा, ‘‘डिजिटल रेशम मार्ग’ कार्यक्र म वैज्ञानिक, मुक्त एवं सहयोगात्मक होगा और इसमें भाग लेने के लिए अधिक देशों, संगठनों और विद्वानों को आमंत्रित किया जाएगा।
2. रिश्ते मजबूत करने ईरान जाएंगे पीएम:- अंतरराष्ट्रीय पाबंदी हटने के बाद भारत और ईरान के बीच तेजी से प्रगाढ़ हो रहा रिश्ता बेहतरी की दिशा में अग्रसर भी हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले रविवार को दो दिनों की ईरान यात्र पर तेहरान पहुंच रहे हैं। यह यात्र चार वर्षो बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ईरान यात्र होगी। मोदी से पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह गुटनिरपेक्ष देशों की बैठक में भाग लेने वर्ष 2012 में ईरान गए थे। सिंह से एक दशक पहले अटल बिहारी वाजपेयी ईरान गए थे।विदेश मंत्रलय के सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी इस यात्र के दौरान ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामनेई के साथ मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही मोदी ईरान के राष्ट्रपति डॉ. रोहानी से भी मिलेंगे। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय रिश्तों के तमाम पहलुओं पर बातचीत होगी। विदेश मंत्रलय का कहना है कि भारत और ईरान के बीच ऐतिहासिक रिश्ता है। आज भी दोनों देश के आर्थिक व सुरक्षा हित एक दूसरे से जुड़े हैं। जैसा कि उम्मीद है कि इस यात्र के दौरान दोनों देशों के बीच ऊर्जा व ढांचागत क्षेत्र में कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे।मोदी की इस यात्र के दौरान क्षेत्रीय कनेक्टिविटी व ढांचागत विकास में सहयोग पर चल रही बातचीत को और आगे बढ़ाया जाएगा। द्विपक्षीय कारोबार के बारे में दोनों देशों के बीच पहली बार लक्ष्य तय किया जाएगा और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए किस तरह से आगे बढ़ा जाए, इसका भी खाका तैयार होगा। सबसे यादा जोर ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर होगा। माना जा रहा है कि इस दौरान चाबहार हवाई अड्डे के विकास और यहां करीब ही भारतीय सहयोग से लगाए जाने वाले विशेष आर्थिक क्षेत्र को लेकर भी मोदी और रोहानी के बीच बातचीत होगी। ईरान के प्रमुख गैस ब्लॉक फराजाना में भारतीय तेल कंपनियों के निवेश का रास्ता भी इस यात्र के दौरान साफ हो सकता है। ईरान सरकार पूरा ब्लॉक भारतीय तेल कंपनी को देने के लिए तैयार हो चुकी है। मोदी की यात्र के दौरान भारत और ईरान में तेल खरीद को लेकर नया समझौता भी हो सकता है। सनद रहे कि एक दिन पहले ही भारत ने पूर्व में ईरान से खरीदे गए कचे तेल के भुगतान का रास्ता निकाला है। अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध की वजह से भारत ईरान से लिए गए तेल के बदले 6.5 अरब डॉलर की राशि का भुगतान नहीं कर सका है। बीच में भारत ने ईरान से तेल खरीदना कम कर दिया था, लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध समाप्त होने के बाद फिर से तेल लेना शुरू कर रहा है। भारत ने कहा है कि वह रोजाना चार लाख बैरल तेल ईरान से खरीद सकता है। इस तरह से भारत एक बार फिर ईरान के एक प्रमुख तेल खरीदार के तौर पर उभरेगा।
3. भारत, अमेरिका में सैन्य सहयोग बढ़ाने के अवसर : पेंटागन:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की यात्रा से पहले अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि वह भारत के साथ संबंधों को आगे बढ़ाना चाहता है और दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग मजबूत करने के अवसर हैं। पेंटागन प्रेस सचिव पीटर कुक ने सोमवार को कहा, अमेरिका के रक्षामंत्री एश्टन कार्टर का मानना है कि सैन्य मामलों पर अमेरिका और भारत के बीच सहयोग और बढ़ाने के अवसर अब भी हैं।कुक ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, हमारे विश्व के इस हिस्से में साझे सुरक्षा हित हैं। मुझे लगता है कि मंत्री को इस बात का भरोसा है कि हमारे बीच जो मजबूत संबंध हैं, वे भविष्य में और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा, रक्षामंत्री जून में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का ‘‘इंतजार कर रहे हैं।’कुक ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, जब वह भारत में थे, तब उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी और वह संबंधों को उस यात्रा से आगे बढ़ाना चाहते हैं। वह उन मजबूत संबंधों को और आगे बढ़ाना चाहते हैं जो उन्होंने मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद मंत्री पर्रिकर के साथ स्थापित किए हैं।
4. भारत ने पाकिस्तान को दिया करारा जवाब:- भारत ने मानचित्र पर भारतीय मसौदा विधेयक पर पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप की मांग करने पर मंगलवार को यह कहते हुए तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की कि यह पूरी तरह आतंरिक विधायी मामला है। पाकिस्तान या किसी भी अन्य देश का इसपर दखल देने का कोई अधिकार नहीं बनता।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि भारत उन विषयों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बीच में लाने की पाकिस्तान की बार-बार की कोशिश को दृढ़ता से नकारता है जिन्हें भारत द्विपक्षीय ढंग से हल करने के लिए हमेशा तैयार है। स्वरूप ने भारत के भूस्थैतिक विधेयक पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘प्रस्तावित विधेयक पूरी तरह भारत का आतंरिक विधायी मामला है, क्योंकि पूरा जम्मू-कश्मीर राज्य भारत का अभिन्न अंग है। पाकिस्तान या किसी अन्य देश का इस मामले पर दखल देने का कोई अधिकार नहीं बनता।’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकार उन विषयों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बीच में लाने की पाकिस्तान की बार-बार की बढ़ती कोशिश को दृढ़ता से नकारता है जिन्हें भारत द्विपक्षीय ढंग से हल करने के लिए हमेशा तैयार है।’इससे पहले, इस्लामाबाद में पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर के मानचित्र पर भारतीय संसद में मसौदा विधेयक को लेकर संयुक्त राष्ट्र के सामने अपनी चिंता प्रकट की है और उसने इस नियंतण्र निकाय से अपने प्रस्तावों को बनाए रखने का आह्वान किया तथा वह भारत से ऐसे कायरे से दूर रहने की अपील करता है जो अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने भारतीय संसद में विवादास्पद भूस्थैतिक सूचना विनियमन विधेयक पेश करने की भारत सरकार की कोशिश के सिलसिले में न्यूयार्क में अपने स्थायी प्रतिनिधि के जरिए चिट्ठियों के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र महासचिव और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के सामने चिंता प्रकट की है।’ उसने कहा कि सुक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करते हुए भारत का आधिकारिक मानचित्र जम्मू-कश्मीर को भारत के अंग के रूप में प्रदर्शित करता रहा है। भूस्थैतिक सूचना विनियमन विधेयक के मसौदे के अनुसार भारत के मानचित्र का गलत निरूपण करने पर सात साल की जेल और 100 करोड़ रपए तक का जुर्माना हो सकता है।
5. द. कोरिया की हान कांग को मिला मैन बुकर:- दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कांग को ‘‘अविस्मरणीय छाप छोड़ने वाले’ उनके उपन्यास ‘‘द वेजिटेरियन’ को लेकर प्रतिष्ठित मैन बुकर पुरस्कार के लिए चुना गया है। उनका यह उपन्यास एक महिला द्वारा मानवीय निर्ममता को खारिज करने और मांस का सेवन छोड़ देने पर आधारित है।कांग ने इस पुरस्कार की दौड़ में जिन लेखकों को पीछे छोड़ा है, उनमें नोबल पुरस्कार प्राप्त ओरहान पामुक और अंतरराष्ट्रीय बेस्ट सेलर एलेना फेरांटे शामिल हैं। सोमवार रात उन्होंने 50 हजार पाउंड का यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीता और उन्होंने इसे उपन्यास की अनुवादक डेबोरा स्मिथ के साथ साझा किया। पोर्टबेलो बुक्स द्वारा प्रकाशित ‘‘द वेजिटेरियन’ को पांच जजों के एक पैनल ने 155 किताबों में से सर्वसम्मति के साथ चुना था। इस पैनल की अध्यक्षता जाने-माने आलोचक और संपादक बॉएड टोंकिंग ने की।
6. बढ़ सकती है भारत, चीन और पाक में परमाणु प्रतिस्पर्धा:- हथियारों के जखीरे और बहु आयुध (मल्टीपल वारहेड) मिसाइलों में वृद्धि से भारत, चीन और पाकिस्तान में त्रिकोणीय परमाणु प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है। किताब ‘द ल्यूर एंड पिटफाल्स ऑफ एमआइआरवीएस : फ्रॉम द फस्र्ट टू द सेकंड न्यूक्लियर एज’ में यह आशंका जताई गई है। किताब में यह भी कहा गया है कि ऐसे हथियारों पर प्रतिबंध की कोई सूरत नजर नहीं आती। किताब के मुताबिक, चीन डीएफ-5बी अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल तैनात करने का काम शुरू कर रहा है। स्टिम्सन सेंटर के सह संस्थापक एवं पुस्तक के सह संपादक माइकल क्रेपन एवं शेन मेसन ने कहा कि ऐसे में भारत और पाकिस्तान भी अपनी कुछ मिसाइलों पर मल्टीपल वारहेड लैस करने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। किताब के मुताबिक, इन कदमों के पीछे का मकसद यह तय करेगा कि परमाणु हथियारों में किस हद तक इजाफा होगा। साथ ही यह भी तय होगा कि इस इजाफे का असर कितना घातक होगा। क्रेपन ने कहा, ‘अछी खबर यह है कि भारत, चीन और पाकिस्तान अमेरिका और सोवियत संघ की तरह अधिक एमआइआरवी विकसित नहीं करेंगे। बुरी खबर यह है कि सीमित तैनाती के बावजूद एशिया में त्रिकोणीय परमाणु प्रतिद्वंद्विता और जटिल हो जाएगी।’ क्रेपन के अनुसार एशिया में त्रिकोणीय परमाणु प्रतिद्वंद्विता अमेरिका और पहले के सोवियत संघ के बीच हथियारों की होड़ से काफी अलग होगी। इस प्रतिद्वंद्विता को कम करने के लिए संबंधों में सुधार की जरूरत है। चीन एवं भारत और भारत एवं पाकिस्तान के बीच परमाणु जोखिम कम करने के लिए कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि तीनों देश वैसी गलती नहीं दोहराएंगे जैसा अमेरिका और सोवियत संघ ने किया था।
7. सहायक बैंकों ने किया एसबीआई में विलय का प्रस्ताव:- पांच साल के लंबे अंतराल के बाद स्टेट बैंक आफ बीकानेर एंड जयपुर सहित सहायक बैंकों ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में विलय का प्रस्ताव किया है। सूत्रों ने बताया कि इन बैंकों के निदेशक मंडलों ने अपने मातृ संगठन भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के साथ विलय का प्रस्ताव किया। सूत्रों ने बताया कि एसबीआई के केंद्रीय बोर्ड की बैठक में विलय के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। इस बीच, बैंक यूनियनों के एक वर्ग ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा है कि यदि सरकार और एसबीआई इस प्रस्ताव को मंजूर करते हैं तो वे हड़ताल करेंगे। आल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि एसबीआई के सभी सहायक बैंकों के कर्मचारी 20 मई को हड़ताल पर जाएंगे। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के पांच सहायक बैंकों में स्टेट बैंक आफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक आफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक आफ पटियाला, स्टेट बैंक आफ मैसूर तथा स्टेट बैंक आफ हैदराबाद शामिल है। इनमें से स्टेट बैंक आफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक आफ मैसूर तथा स्टेट बैंक आफ त्रावणकोर सूचीबद्ध हैं। एसबीआई ने सबसे पहले स्टेट बैंक आफ सौराष्ट्र को 2008 में खुद में मिलाया था।
8. राजकोषीय घाटे का लक्ष्य नहीं बल्कि रेंज होगी:- सरकार राजकोषीय घाटे का लक्ष्य तय करने की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव कर सकती है। वित्त मंत्रलय ने राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजटीय प्रबंधन कानून की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया है जो राजकोषीय घाटे का दायरा तय करने की व्यवहारिकता पर विचार करेगी। समिति राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के बजाय रेंज तय करने की भी संभावना तलाशेगी। राय सभा के पूर्व सदस्य एन के सिंह की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति 31 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट देगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2016-17 में राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजटीय प्रबंधन की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन करेंगे। इस घोषणा को अमल में लाने के लिए ही वित्त मंत्री ने इस समिति का गठन किया है। पूर्व वित्त सचिव सुमित बोस, मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन, आरबीआइ के डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल और एनआइपीएफपी के निदेशक राथिन रॉय समिति में बतौर सदस्य शामिल हैं। मंत्रलय ने समिति को वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल और अनिश्चितता के मद्देनजर एफआरबीएम कानून के 12 साल के अनुभव की समीक्षा करते हुए सुझाव देने को देने को कहा है। इसके साथ ही समिति को एफआरबीएफ लक्ष्यों के विभिन्न पहलुओं की व्यापक समीक्षा करने को भी कहा है। इसके अलावा मंत्रलय ने समिति को राजकोषीय घाटे के एक लक्ष्य की जगह राजकोषीय घाटे का दायरा (रेंज) तय करने की व्यवहारिकता तलाशने को भी कहा है। मंत्रलय ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि समिति अर्थव्यवस्था में ऋण प्रवाह बढ़ने या घटने के साथ ही सरकारी खर्च बढ़ाने या घटाने की व्यवहारिकता भी तलाशेगी। सूत्रों ने कहा कि राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के बजाय दायरा तय करने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि कई बार अर्थव्यवस्था में उतार चढ़ाव के चलते केंद्र या राय सरकार को एफआरबीएफ कानून के तहत राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने में मुश्किलें आती हैं।
9. नीति आयोग करेगा विकास दर की भविष्यवाणी:- किसी वित्त वर्ष में देश की विकास दर कितनी रहने की संभावना है, यह भविष्यवाणी करने का काम नीति आयोग शुरू कर सकता है। आयोग इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए सकल घरेलू उत्पाद की भविष्यवाणी और राजस्व संग्रह के संबंध में पूर्वानुमान जारी करने की प्रक्रिया शुरू करने पर विचार विमर्श कर रहा है। सूत्रों ने कहा कि जल्द ही नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानगड़िया के नेतृत्व में एक बैठक होने जा रही है जिसमें इस संबंध में सभी पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद नीति आयोग सालाना और मध्यावधि में विकास दर के संबंध में अपनी भविष्यवाणी देने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।सूत्रों ने कहा कि विकास दर की भविष्यवाणी करने की जिम्मेदारी आधिकारिक तौर पर तो सरकार ने आयोग को नहीं दी है लेकिन बताया जाता है कि नीति आयोग ने खुद अपनी ओर से यह पहल की है। इसकी वजह शायद यह है कि पहले जीडीपी की वृद्धि दर के संबंध में भविष्यवाणी करने का काम प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद करती थी। इसके अलावा योजना आयोग भी पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से विकास दर का लक्ष्य तय कर करता था। ऐसे में अब इन दोनों संस्थाओं के न होने की वजह से विकास दर की भविष्यवाणी करने की जरूरत महसूस की जा रही है। फिलहाल वित्त मंत्रलय आर्थिक सर्वेक्षण के माध्यम से विकास दर की सालाना भविष्यवाणी करता है। सरकार से अलग रिजर्व बैंक तथा कई अन्य अंतरराष्ट्रीय और पेशेवर संस्थाएं भी विकास दर के संबंध में अपने पूर्वानुमान व्यक्त करती हैं।
10. एक और इम्तिहान में ’तेजस‘‘ पास:- देश में ही बने हल्के लड़ाकू विमान तेजस ने मंगलवार को अपना एक और इम्तिहान पास कर लिया। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने खुद तेजस को आसमान में कई कसौटियों पर परखा तथा इसे वायुसेना के बेड़े में शामिल करने के लिए एकदम फिट बताया।एयर चीफ मार्शल राहा ने तेजस के प्रशिक्षु संस्करण (पीवी-6) में हिन्दुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड के एयरपोर्ट से दिन में करीब बारह बजे उड़ान भरी। लगभग आधे घंटे की उड़ान में उन्होंने तेजस से कई करतब करने के साथ इसे विभिन्न कसौटियों पर परखा। उड़ान के दौरान उनके साथ ग्रुप कैप्टन एम. रंगाचारी भी थे। बाद में उन्होंने कहा, तेजस में उन्होंने पहली बार उड़ान भरी है, यह अच्छा विमान है तथा हमारे विमानों के बेड़े में शामिल किए जाने के लिए फिट है। कुशल पायलट रहे एयर चीफ मार्शल राहा ने तेजस की उड़ान क्षमताओं की सराहना करते हुए तेजस टीम को इसके लिए बधाई दी।

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