पूर्वोत्तर में रोजगार का सबसे बड़ा स्रोत बन सकता है साहसिक पर्यटन:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में साहसिक पर्यटन रोजगार का सबसे बड़ा स्रेत बनकर उभर सकता है। उन्होंने इन क्षेत्र के राज्यों से इसके विकास और बढ़ावे का अनुरोध किया।मोदी ने उत्तर पूर्व परिषद (एनईसी) के 65वें पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि अगर अच्छे से विकसित किया जाए और बढ़ावा दिया जाए, तो यह क्षेत्र में रोजगार का सबसे बड़ा सोत बनकर उभर सकता है। यह क्षेत्र की वृद्धि और आय में भी योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्व क्षेत्र के सभी राज्यों को प्राकृतिक सुंदरता, विशेष ऐतिहासिक सांस्कृतिक एवं समुदाय धरोहर का वरदान प्राप्त है। मोदी ने कहा, ‘‘यह सब कुछ क्षेत्र में पर्यटन के अपार गुंजाइश पेश करता है। क्षेत्र में पर्वतारोहण, ट्रेकिंग और साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।’ पर्यटन मंत्रालय के ‘‘थेमैटिक सर्किट’ का सर्वश्रेष्ठ प्रयोग करने की जरूरत को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र पड़ोसी देशों के कुछ लोकप्रिय पर्यटन स्थलों को जोड़ने की सोचकर पर्यटकों के लिए आकर्षण बढ़ा सकता है। पूर्वोत्तर को दक्षिण पूर्व एशिया का द्वार बताते हुए उन्होंने कहा कि इसका लाभ उठाने की जरूरत है।मोदी ने इस संबंध में अपनी सरकार की उपलब्धियों को बताते हुए कहा, ‘‘हम अपने पड़ोसी देशों के लिए सड़क और रेल मार्ग दोनों खोल रहे हैं। यह क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।’ प्रधानमंत्री के अनुसार, आज तक दस हजार करोड़ रपए से अधिक की कुल लागत से 1001 किलोमीटर के क्षेत्र में पूर्वोत्तर राज्यों की 34 सड़क परियोजनाओं को उत्तर पूर्व के लिए विशेष राजमार्ग निर्माण एजेंसी राष्ट्रीय राजमार्ग एवं आधारभूत विकास निगम द्वारा लागू किया गया है। उन्होंने बांग्लादेश के सहयोग से पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी परियोजना को रेखांकित किया।बिजली के संबंध में प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र ने ज्यादा क्षेत्रों में बिजली सुनिश्चित करने के लिए करीब 10 हजार करोड़ की लागत से सभी आठ पूर्वोत्तर राज्यों के लिए बिजली ट्रांसमिशन परियोजनाओं में निवेश किया है। रेलवे के मामले में उन्होंने कहा कि करीब दस हजार करोड़ रपए की लागत से क्षेत्र में बड़ी रेलवे विस्तार परियोजनाएं चलाई गई हैं।
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