Monday, 25 December 2017

4. अगले साल 7.5 फीसद रहेगी भारत की आर्थिक विकास दर

• जापान की वित्तीय सेवा फर्म नोमुरा ने भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति पर भरोसा जताया है। फर्म की रिपोर्ट में जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान तेज आर्थिक विकास का अनुमान लगाया गया है। इसके मुताबिक 2018 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.5 फीसद रह सकती है।
• नोमुरा ने कंपोजिट लीडिंग इंडेक्स में बाजार में नकदी की स्थिति सुधरने और ग्लोबल स्तर पर मांग में सुधार के दम पर अर्थव्यवस्था में तेजी की उम्मीद जताई है। नोमुरा ने शोध रिपोर्ट में कहा, ‘हम विकास परिदृश्य को लेकर उत्साहित हैं।
• इस साल की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 6.3 फीसद विकास दर की तुलना में चौथी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में यह 6.7 फीसद रह सकती है। 2018 में मजबूत सुधार के साथ 7.5 फीसद विकास दर की उम्मीद है।’ रिपोर्ट में महंगाई का दबाव बढ़ने और कच्चे तेल की ऊंची कीमत को देखते हुए मौद्रिक नीति को सख्त किए जाने की संभावना व्यक्त की गई है।
• छह दिसंबर को रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में भी अधिकतर सदस्यों ने महंगाई के दबाव पर चिंता जताई थी। इसी कारण नीतिगत दरों को यथावत रखा गया था।
• रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 की दूसरी तिमाही में मौद्रिक नीति समिति की ओर से थोड़ा आक्रामक रुख की उम्मीद है। उस समय विकास और महंगाई दोनों की दर ज्यादा रह सकती हैं। हालांकि हमें उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक उस दौरान भी नीतिगत दरों को यथावत रखेगा।’
• रिजर्व बैंक ने छह दिसंबर को चालू वित्त वर्ष की पांचवी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट (वह दर जिस पर बैंक अतिरिक्त फंड कुछ समय के लिए जमा कर आरबीआइ से ब्याज प्राप्त करते हैं) को छह फीसद पर बरकरार रखा था।

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