1.अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को कल मिलेगी कानूनी मान्यता
• जलवायु परिवर्तन के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना छह दिसंबर को साकार हो जाएगा। इस दिन अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आइएसए) को कानूनी मान्यता देने के लिए अधिसूचना जारी होगी। इसके लिए 15 देशों ने अनुमोदन कर दिया है।• अधिसूचना जारी होने के साथ ही भारत उन देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा जिन देशों में अंतरराष्ट्रीय स्तर के संगठनों के मुख्यालय हैं।
• फ्रांस की राजधानी पेरिस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से 30 नवंबर, 2015 को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन अस्तित्व में आया था। इसमें फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने भी सक्रिय भूमिका निभाई थी। दुनिया के 121 देशों ने गठबंधन को लेकर न केवल अपनी सहमति दी थी बल्कि इसकी अगुवाई भारत ही करे इसकी भी सहमति दे दी थी। इस कारण भारत में ही इसका मुख्यालय बनाने का निर्णय हुआ।
• गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड स्थित राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान के सूर्य भवन में फिलहाल गठबंधन का अंतरिम सचिवालय चल रहा है। वैसे संस्थान के परिसर में ही मुख्यालय यानी सचिवालय बनाया जाएगा। इसके लिए शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रास्वां ओलांद संयुक्त रूप से कर चुके हैं।
• गठबंधन को कानूनी मान्यता देने के लिए 121 देशों में से 15 देशों का अनुमोदन आवश्यक था। यह कार्य पूरा हो चुका है। जिन देशों ने अनुमोदित किया है, उनमें भारत एवं फ्रांस के अलावा ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, सोमालिया, मलावी, फिजी, मारीशस के नाम मुख्य रूप से शामिल हैं।
• मान्यता मिलने के साथ ही गठबंधन हर स्तर पर फंक्शन में आ जाएगा।
• प्रधानमंत्री का सपना होगा साकार, 30 नवंबर, 2015 को मोदी के प्रयास से पेरिस मेंअस्तित्व में आया था
2. फिच ने जीडीपी वृद्धि अनुमान घटाया
• अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहना अनुमानित है। इससे पहले एजेंसी ने यह दर 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। एजेंसी का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार अपेक्षा से कमजोर है इसलिए उसने अपने वृद्धि दर अनुमान में कटौती की है।• एजेंसी ने कहा है कि अगले वर्ष 2018-19 में भी भारत की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जबकि अपने सितंबर नियंतण्र आर्थिक परिदृश्य (जीईओ) में उसने यह अनुमान 7.4 प्रतिशत रखा था। इसके साथ ही एजेंसी को उम्मीद है कि ढांचागत सुधार एजेंडे तथा खर्च योग्य आय में बढ़ोतरी के बीच जीडीपी वृद्धि दर आने वाले दो साल में मजबूत होगी।
• फिच ने अपने नवीनतम नियंतण्र आर्थिक परिदृश्य में कहा है, जुलाई-सितंबर की तीसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने जोर पकड़ा और जीडीपी वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रही जो कि दूसरी तिमाही में 5.7 प्रतिशत रही थी। इसके अनुसार हालांकि यह सुधार अपेक्षा से कमजोर है और हम मार्च 2018 में समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए हमारे वृद्धि अनुमान को कम कर 6.7 प्रतिशत कर रहे हैं जो कि सितंबर के वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में 6.9 प्रतिशत रखा गया था।
• एजेंसी ने कहा है कि हाल ही कि तिमाहियों में वृद्धि दर बार बार निराश करने वाली रही है। एजेंसी का मानना है कि इसके लिए मुख्य रूप से नवंबर 2016 में घोषित नोटबंदी व माल व सेवा कर जीएसटी के कार्यान्वयन से जुड़ी दिक्कतें जिम्मेदार हैं।
• उल्लेखनीय है कि जीडीपी वृद्धि दर जुलाई- सितंबर की तिमाही में 6.3 प्रतिशत रही और इस तरह से उसमें पांच तिमाहियों की गिरावट पर विराम लग गया।
3. सुप्रीम कोर्ट बताएगा अयोध्या का मालिक कौन, नियमित सुनवाई आज से
• भगवान के घर देर है या अंधेर यह तो इंसान को पता नहीं चल पाया है, लेकिन इंसानी अदालत में कितनी देर लगती है यह भगवान को जरूर पता चल गया होगा। हम बात कर रहे हैं अयोध्या के राम जन्मभूमि मामले की, जो सात साल से सुप्रीम कोर्ट में अटका हुआ है। लेकिन, अब पांच दिसंबर से मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्र, अशोक भूषण और अब्दुल नजीर की पीठ इस पर नियमित सुनवाई शुरू करेगी।
• कोर्ट के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या विवादित ढांचा किसी हंिदूू ढांचे को तोड़ कर बनाई गई थी?1 28 साल सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दो एक के बहुमत से 30 सितंबर, 2010 को जमीन को तीन बराबर हिस्सों रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में बांटने का फैसला सुनाया था।
• भगवान रामलला को वही हिस्सा दिया गया, जहां वे विराजमान हैं। हालांकि, हाई कोर्ट का फैसला किसी पक्षकार को मंजूर नहीं हुआ और सभी 13 पक्षकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए।
• सुप्रीम कोर्ट ने मई 2011 को अपीलों को विचारार्थ स्वीकार करते हुए मामले में यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया था, जो यथावत लागू है।
• विवादित ढांचे के नीचे हैं मंदिर के साक्ष्य : विवादित ढांचे के नीचे हिन्दू मंदिर होने के तमाम साक्ष्य मिले हैं। 30 सितंबर, 2010 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के तीन में से दो न्यायाधीशों जस्टिस सुधीर अग्रवाल और धर्मवीर शर्मा ने अपने फैसले में यह माना है कि अयोध्या में विवादित ढांचा हिन्दू मंदिर तोड़ कर बनाया गया था।
• दोनों जजों के फैसले का आधार भारत पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की रिपोर्ट है। एएसआइ की रिपोर्ट कहती है कि विवादित ढांचे के नीचे हिन्दू मंदिर था और इसके कई प्रमाण हैं।
• मस्जिद बनाने में मंदिर के अवशेषों का इस्तेमाल हुआ था। हालांकि, तीसरे न्यायाधीश एसयू खान के अनुसार, इस बात का कोई सुबूत नहीं मिलता कि बाबर ने मस्जिद किसी मंदिर को तोड़ कर बनाई थी। उन्होंने ये जरूर माना कि मस्जिद का निर्माण बहुत पहले नष्ट हो चुके मंदिर के अवशेषों पर हुआ था।
• कोर्ट के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या विवादित ढांचा किसी हंिदूू ढांचे को तोड़ कर बनाई गई थी?1 28 साल सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दो एक के बहुमत से 30 सितंबर, 2010 को जमीन को तीन बराबर हिस्सों रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में बांटने का फैसला सुनाया था।
• भगवान रामलला को वही हिस्सा दिया गया, जहां वे विराजमान हैं। हालांकि, हाई कोर्ट का फैसला किसी पक्षकार को मंजूर नहीं हुआ और सभी 13 पक्षकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए।
• सुप्रीम कोर्ट ने मई 2011 को अपीलों को विचारार्थ स्वीकार करते हुए मामले में यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया था, जो यथावत लागू है।
• विवादित ढांचे के नीचे हैं मंदिर के साक्ष्य : विवादित ढांचे के नीचे हिन्दू मंदिर होने के तमाम साक्ष्य मिले हैं। 30 सितंबर, 2010 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के तीन में से दो न्यायाधीशों जस्टिस सुधीर अग्रवाल और धर्मवीर शर्मा ने अपने फैसले में यह माना है कि अयोध्या में विवादित ढांचा हिन्दू मंदिर तोड़ कर बनाया गया था।
• दोनों जजों के फैसले का आधार भारत पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की रिपोर्ट है। एएसआइ की रिपोर्ट कहती है कि विवादित ढांचे के नीचे हिन्दू मंदिर था और इसके कई प्रमाण हैं।
• मस्जिद बनाने में मंदिर के अवशेषों का इस्तेमाल हुआ था। हालांकि, तीसरे न्यायाधीश एसयू खान के अनुसार, इस बात का कोई सुबूत नहीं मिलता कि बाबर ने मस्जिद किसी मंदिर को तोड़ कर बनाई थी। उन्होंने ये जरूर माना कि मस्जिद का निर्माण बहुत पहले नष्ट हो चुके मंदिर के अवशेषों पर हुआ था।
4. वार्ता को लेकर अलगाववादी संगठनों में उभरे मतभेद
• केंद्रीय वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा बेशक मिशन कश्मीर में अभी तक प्रत्यक्ष तौर पर कोई बड़ी उपलब्धि हासिल करने में कामयाब नजर नहीं आ रहे हैं, लेकिन परोक्ष रूप से उनका मिशन सही दिशा में जा रहा है। दिनेश्वर शर्मा बातचीत से पूरी तरह दूरी बनाए रखने वाले अलगाववादी खेमे में सेंध लगाने में कामयाब नजर आ रहे हैं।• हुर्रियत के कई नेता अब दबे मुंह सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज मौलवी उमर फारूक और यासीन मलिक के फैसलों पर सवालिया निशान लगाते हुए केंद्रीय प्रतिनिधि से बातचीत का चैनल बहाल करने पर जोर देने लगे हैं।
• अमन बहाली और कश्मीर समस्या के स्थायी समाधान का रोडमैप तैयार करने के लिए केंद्र सरकार ने खुफिया ब्यूरो के पूर्व निदेशक दिनेश्वर शर्मा को केंद्रीय वार्ताकार नियुक्त कर उन्हें जम्मू कश्मीर के विभिन्न संगठनों से बातचीत का जिम्मा सौंपा है। वह बीते एक माह के दौरान राज्य का दो बार दौरा कर लगभग 150 से ज्यादा प्रतिनिधिमंडलों से मिल चुके हैं।
• उनका दूसरा दौरा करीब 10 दिन पहले ही संपन्न हुआ है, लेकिन अलगाववादी खेमा दिनेश्वर शर्मा से पूरी तरह दूर रहा। ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी, उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक ने केंद्रीय प्रतिनिधि से मुलाकात या बातचीत से पूरी तरह इन्कार किया।
• कोई भी अलगाववादी नेता दिनेश्वर शर्मा से नहीं मिला। अलगाववादी खेमे से कोई संवाद न होने के कारण बेशक दिनेश्वर शर्मा के मिशन को लेकर कई सवाल पैदा हो गए, लेकिन यही स्थिति अब अलगाववादी खेमे के लिए पैदा हो गई है। बातचीत से दूर रहने के लिए हुर्रियत नेताओं से उनके ही साथी अब सवाल करने लगे हैं।
5. रोहिंग्या संकट पर हसीना ने कंबोडिया से मांगी मदद
• बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार को म्यांमार के रखाइन राज्य में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और रोहिंग्या संकट के एक स्थायी समाधान के लिए कंबोडिया से सहायता मांगी। हसीना ने यह अपेक्षा नोमपेन्ह में अपने कमबोडियाई समकक्ष हुन सेन के साथ सोमवार को र्चचा के दौरान जताई।
• संयुक्त बयान के दौरान हसीना ने कहा, हमने अपने क्षेत्र के सामने उभरती हुई सुरक्षा चुनौतियों पर र्चचा की और आतंकवाद व उग्रवाद से लड़ने के लिए समान संकल्प व्यक्त किए। उन्होंने कहा, हमने हमारे क्षेत्र की सुरक्षा और स्थायित्व के लिए खतरा बन चुके रोहिंग्या संकट पर भी र्चचा की।
• बांग्लादेश ने 10 लाख रोहिंग्याओं को आश्रय देना जारी रखा है। हाल ही में करीब 630,000 रोहिंग्या म्यांमार में अत्याचार के बाद भाग कर आए हैं और बांग्लादेश में आश्रय लिया है।
• संयुक्त बयान के दौरान हसीना ने कहा, हमने अपने क्षेत्र के सामने उभरती हुई सुरक्षा चुनौतियों पर र्चचा की और आतंकवाद व उग्रवाद से लड़ने के लिए समान संकल्प व्यक्त किए। उन्होंने कहा, हमने हमारे क्षेत्र की सुरक्षा और स्थायित्व के लिए खतरा बन चुके रोहिंग्या संकट पर भी र्चचा की।
• बांग्लादेश ने 10 लाख रोहिंग्याओं को आश्रय देना जारी रखा है। हाल ही में करीब 630,000 रोहिंग्या म्यांमार में अत्याचार के बाद भाग कर आए हैं और बांग्लादेश में आश्रय लिया है।
6. अफगानिस्तान मामले में भारत महत्वपूर्ण पक्ष : अमेरिका
• राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा दक्षिण एशिया नीति की घोषणा के सौ दिन बाद अमेरिका का कहना है कि अफगानिस्तान में भारत एक महत्वपूर्ण पक्ष है और वह युद्ध से जर्जर देश के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ाने के नई दिल्ली के आवागमन के विकल्पों का समर्थन करता है।
• ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, भारत ने यह साबित किया है कि अफगानिस्तान में वह एक पक्ष है और वह अफगानिस्तान को बेहद संरचनात्मक तौर से सहयोग देने में दिलचस्पी रखता है। पहचान गुप्त रखने की शर्त पर अधिकारी ने उक्त जानकारी दी।
• वह 21 अगस्त को ट्रंप द्वारा घोषित दक्षिण एशिया नीति के सौ दिन पूरे होने पर भारत की भूमिका की समीक्षा कर रहे थे। अधिकारी ने कहा, जैसा कि आप जानते हैं, राष्ट्रपति ट्रंप ने 21 अगस्त को अपने भाषण में भारत को अफगानिस्तान और उनके आर्थिक विकास में बड़ा पक्ष बताया था।
• मुझे लगता है कि भारत इस आह्वान का उत्तर दे रहा है। नई दिल्ली में सितंबर में हुए बेहद सफल व्यापार सम्मेलन का हवाला देते हुए अधिकारी ने कहा कि इससे सैकड़ों-लाखों की संख्या में नए सौदे हुए हैं।
• ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, भारत ने यह साबित किया है कि अफगानिस्तान में वह एक पक्ष है और वह अफगानिस्तान को बेहद संरचनात्मक तौर से सहयोग देने में दिलचस्पी रखता है। पहचान गुप्त रखने की शर्त पर अधिकारी ने उक्त जानकारी दी।
• वह 21 अगस्त को ट्रंप द्वारा घोषित दक्षिण एशिया नीति के सौ दिन पूरे होने पर भारत की भूमिका की समीक्षा कर रहे थे। अधिकारी ने कहा, जैसा कि आप जानते हैं, राष्ट्रपति ट्रंप ने 21 अगस्त को अपने भाषण में भारत को अफगानिस्तान और उनके आर्थिक विकास में बड़ा पक्ष बताया था।
• मुझे लगता है कि भारत इस आह्वान का उत्तर दे रहा है। नई दिल्ली में सितंबर में हुए बेहद सफल व्यापार सम्मेलन का हवाला देते हुए अधिकारी ने कहा कि इससे सैकड़ों-लाखों की संख्या में नए सौदे हुए हैं।
7. पंचायत तक चर्चा करेगा वित्त आयोग
• पंद्रहवां वित्त आयोग पंचायत से लेकर राजनीतिक दलों तक विचार-विमर्श करेगा। इसके बाद ही आयोग अपनी सिफारिशें तय करेगा। इन्हीं सिफारिशों के आधार पर केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी तय होगी। आयोग अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देने से पहले राज्य सरकारों से भी विभिन्न आर्थिक व सामाजिक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेगा।• नवगठित पंद्रहवें वित्त आयोग की पहली बैठक सोमवार को हुई। इसमें आगे की रणनीति तय की गई। पूर्व नौकरशाह एनके सिंह की अध्यक्षता वाले वित्त आयोग का गठन 27 नवंबर को किया गया है। इसमें वित्त मंत्रलय के आर्थिक कार्य विभाग के पूर्व सचिव शक्तिकांत दास, डॉ. अनूप सिंह और दो अस्थायी सदस्य- अशोक लाहिड़ी और डॉ. रमेश चंद भी शामिल हैं।
• वित्त आयोग की पहली बैठक में आयोग की सेवा शर्तो और कार्यकाल पर विस्तृत चर्चा हुई। साथ ही निर्णय किया गया कि आयोग अपनी सिफारिशें तय करने से पहले केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रलयों के अलावा राज्य सरकारों, पंचायतों, शहरी स्थानीय निकायों और राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श करेगा।
• यह प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। साथ ही आयोग ने विभिन्न शैक्षिक संस्थानों और थिंक टैंक से अलग-अलग विषयों पर इनपुट लेने का फैसला भी किया।
• आयोग का मुख्यालय दिल्ली में रहेगा।1पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिशें एक अप्रैल, 2020 से अमल में आएंगी। फिलहाल 14वें वित्त आयोग की सिफारिशें लागू हैं।
• चौदहवें वित्त आयोग ने केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 32 से बढ़ाकर 42 फीसद करने की सिफारिश की थी। माना जा रहा है कि 15वां वित्त आयोग इस सिफारिश की भी समीक्षा कर सकता है।
• आयोग देश में जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र और राज्यों के राजस्व पर इसके असर का जायजा भी लेगा। साथ ही आयोग सामाजिक-आर्थिक विकास के संबंध में स्थानीय निकायों विशेषकर पंचायतों के लिए वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था करने के सवाल को लेकर भी विचार-विमर्श करेगा। साथ ही, केंद्र और राज्यों की राजकोषीय स्थिति पर आयोग अपनी टिप्पणी करेगा।
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