Wednesday, 6 December 2017

दैनिक समसामयिकी 06 December 2017(Wednesday)


1.समान नागरिक संहिता मुश्किल हुई तो पारिवारिक कानूनों में होंगे संशोधन

• एक समग्र समान नागरिक संहिता बनाना अगर मुश्किल हुआ तो विधि आयोग धार्मिक आधार पर पारिवारिक कानूनों में अलग-अलग संशोधन के सुझाव देगा। आयोग के अध्यक्ष जस्टिस बीएस चौहान ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि नागरिक संहिता संवैधानिक प्रावधानों के दायरे से बाहर नहीं हो सकती।
• सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस चौहान ने बताया कि आयोग इस मसले पर जनवरी से अपनी पड़ताल शुरू करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि आयोग ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन वह सरकार को जो भी सुझाव देंगे, वे संवैधानिक ढांचे के दायरे में ही होंगे। 
• इसमें किसी भी धर्म के मानने वाले किसी भी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का अतिक्रमण नहीं होगा। इस मामले की पड़ताल करते वक्त संविधान की छठी अनुसूची का भी ध्यान रखना होगा।

2. ट्रंप के ट्रैवल बैन को कोर्ट की हरी झंडी

• अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम बहुलता वाले छह देश के लोगों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए यात्रा प्रतिबंध को पूरी तरह लागू करने की अनुमति दे दी है।
• सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद ईरान, लीबिया, सीरिया, यमन, सोमालिया और चाड के निवासियों पर अमेरिका के साथ वैध संबंध न होने पर लगाया गया यात्रा प्रतिबंध अब पूरी तरह लागू हो पाएगा।
• हालांकि इस विवादास्पद यात्रा प्रतिबंध के खिलाफ दायर याचिकाएं अब भी लंबित हैं, लेकिन कोर्ट ने इसे पूरी तरह लागू करने की अनुमति दे दी है। यात्रा प्रतिबंध विवादास्पद नीति का तीसरा संस्करण है। जनवरी में कार्यभार संभालने के करीब एक सप्ताह बाद ट्रंप ने पहली बार इस प्रतिबंध संबंधी आदेश की घोषणा की थी।
• सुप्रीम कोर्ट के नौ में से सात जजों ने अन्य अदालतों द्वारा यात्रा प्रतिबंध की नीति पर लागई रोक को हटाने का फैसला किया। जस्टिस रथ बैडर गिंसबर्ग और जस्टिस सोनिया सोतोमायोर ने कहा कि वह सरकार के अनुरोध को अस्वीकार करते हैं।
• कोर्ट ने अपने फैसले के कोई उचित कारण नहीं दिए लेकिन कहा कि वह कार्यकारी आदेश के निचली अदालत की समीक्षा की अपेक्षा करता है ताकि यात्रा प्रतिबंध को जल्दी लागू किया जा सके।
• अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल नोएल फ्रांसिस्को ने अदालत के कागजात में तर्क दिया, कई सरकारी एजेंसियों ने विदेशी सरकारों द्वारा साझा की गई जानकारी की एक व्यापक एवं विश्वव्यापी समीक्षा की जिसका इस्तेमाल अमेरिका में प्रवेश करने वाले आवंछित लोगों की जांच के लिए किया जाता है।

3. दबाव में अमेरिकी राष्ट्रपति का यरुशलम पर टला फैसला

• अमेरिका फिलहाल यरुशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता नहीं देगा। इसपर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने फैसले को कुछ दिनों के लिए टाल दिया है। ट्रंप के यरुशलम पर संभावित कदम से अरब जगत के साथ फ्रांस समेत अमेरिका के कई सहयोगी देशों की त्योरियां चढ़ गई थीं। 
• फलस्तीन ने तो खुलकर नाराजगी जताई थी। इससे बड़े पैमाने पर अशांति फैलने का अंदेशा जताया जा रहा था। दुनिया के कुछ देशों के प्रमुखों ने ट्रंप को फोन कर भी आपत्ति व्यक्त की थी। 
• ह्वाइट हाउस के प्रवक्ता होगन गिडले ने कहा, ‘अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से हटाने की जो समय सीमा तय की गई थी, अभी उसका पालन नहीं किया जाएगा। हालांकि राष्ट्रपति का नजरिया शुरू से साफ है। इसमें अगर-मगर का मामला नहीं है। विषय यह है कि इसपर कब घोषणा होती है। इसका आने वाले कुछ दिनों में पता चल जाएगा।’ 
• बताया जाता है कि ट्रंप इजरायल के यरुशलम से संबंध पर बुधवार को कोई अहम घोषणा कर सकते हैं। दरअसल यरुशलम को इजरायल और फलस्तीन दोनों अपने-अपने देश की राजधानी बताते रहे हैं। इस मुद्दे को डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में भी उठाया था।
• उन्होंने अमेरिकी लोगों को भरोसा दिलाया था राष्ट्रपति बनने पर वह यरुशलम को इजरायल की राजधानी बनाने की मुहिम का समर्थन करेंगे। इजरायल में अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से यरुशलम स्थानांतरित करेंगे।

4. पंचायत सचिव का सर्टिफिकेट नागरिकता के लिए सशर्त वैध

• सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पर्याप्त पूछताछ के बाद पंचायत सचिव या अधिशासी मजिस्ट्रेट की ओर से जारी सर्टिफिकेट को भारतीय नागरिकता का प्रमाणपत्र माना जा सकता है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि उस व्यक्ति की वंशावली किसी भारतीय नागरिक से स्थापित हो।
• असम में अवैध आव्रजकों की पहचान के सिलसिले में अदालत का यह फैसला बहुत अहम साबित होने वाला है। जस्टिस रंजन गोगोई और आरएफ नरिमन की खंडपीठ ने मंगलवार को गुवाहाटी हाईकोर्ट का आदेश पलट दिया जिसमें नागरिकता के लिए दावा करने वाले इन सर्टिफिकेट को अवैध बताया गया था। 
• सर्वोच्च अदालत की खंडपीठ ने अपने फैसले में यह भी कहा कि ग्राम पंचायत के सचिव की ओर से जारी सर्टिफिकेट नागरिकता का सुबूत तभी हो सकता है जबकि उसके साथ उसके परिवार की वंशावली का भी विस्तृत ब्योरा हो।
• विगत 22 नवंबर को सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि ग्राम पंचायत की ओर से जारी निवासी होने का सर्टिफिकेट नागरिकता का दस्तावेज नहीं है। 
• नागरिकता के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) के संदर्भ में इसका कोई अर्थ नहीं अगर इसके समर्थन में कोई अन्य वैध दस्तावेज न लगाया जाए।
• उल्लेखनीय है कि नागरिकता के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) का मसौदा 31 दिसंबर या उससे पहले प्रकाशित किया जाना है। इस रजिस्टर का मकसद असम में अवैध आव्रजकों की पहचान करना है। सीमावर्ती राज्य असम में कुल 3.29 करोड़ लोगों में से 48 लाख लोगों ने ग्राम पंचायत के सचिवों की ओर से जारी सर्टिफिकेट के दम पर ही नागरिकता के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) में अपना नाम दर्ज कराने के लिए दावा किया है।
• असम में बड़े पैमाने पर अवैध घुसपैठिए रह रहे हैं। राज्य सरकार कह चुकी है कि वह इनकी पहचान करेगी और उन्हें बाहर किया जाएगा।

5. निर्यातकों को 8,450 करोड़ का तोहफा

• विदेश व्यापार नीति की मध्यावधि समीक्षा करते हुए सरकार ने निर्यातकों को भारी भरकम 8,450 करोड़ रुपये का तोहफा दिया है। निर्यातकों को यह तोहफा मर्केडाइज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (एमईआइएस) के तहत प्रोत्साहन की दर दो प्रतिशत बढ़ाकर दिया गया है। 
• खास बात यह है कि सरकार के इस फैसले से चमड़ा, हस्तशिल्प, कारपेट, खेल, कृषि और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट जैसे रोजगार देने वाले क्षेत्रों को फायदा होगा।
• विदेश व्यापार नीति 2015 से 2020 की अवधि के लिए है। इस नीति की मध्यावधि समीक्षा की जानकारी देते हुए वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि इस नीति का मकसद प्रक्रिया को सरल बनाकर निर्यातों को प्रोत्साहन देना, उच्च रोजगार देने वाले क्षेत्रों को मदद मुहैया कराना, जीएसटी के फायदे पहुंचाना, सेवाओं के निर्यात को प्रोत्साहन और अत्याधुनिक विश्लेषण प्रणाली के जरिये निर्यात बढ़ाना है।
• सरकार ने एमईआइएस के तहत प्रोत्साहन की दर दो प्रतिशत बढ़ायी है। प्रभु ने ट्वीट कर कहा कि इस निर्णय से सालाना प्रोत्साहन राशि 34 प्रतिशत बढ़कर 8450 करोड़ रुपये हो जाएगी।1प्रभु ने कहा कि विदेश व्यापार नीति का फोकस नए बाजार की तलाश और परंपरागत बाजारों में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने पर रहेगा। साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक वैल्यू चेन में भारतीय उद्योगों की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। 
• उन्होंने कहा कि विदेश व्यापार नीति से हर साल चमड़ा उत्पाद निर्यातकों को करीब 749 करोड़ रुपये, हैंडमेड कारपेट और जूट उत्पादों को 921 करोड़ रुपये, कृषि उत्पादों को 1354 करोड़ रुपये, मैरीन उत्पादों को 759 करोड़ रुपये और इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जो को 369 करोड़ रुपये व मेडिकल उपकरण निर्यातकों को 193 करोड़ रुपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि का लाभ होगा।
• उल्लेखनीय है कि इससे पहले सरकार गारमेंट क्षेत्र के उत्पादों के लिए निर्यात प्रोत्साहन की दर दो फीसदी से बढ़ाकर चार प्रतिशत कर चुकी है। माना जा रहा है कि इससे गारमेंट निर्यातकों को 2743 करोड़ रुपये का लाभ होगा। उन्होंने कहा कि कृषि वस्तुओं के निर्यात पर भी सरकार का फोकस है ताकि किसानों की आय बढ़ायी जा सके। जीएसटी का जिक्र करते हुए प्रभु ने कहा कि इससे निर्यात क्षेत्र में वृद्धि होगी। 
• उन्होंने कहा कि निर्यात क्षेत्र की बेहतरी दिखने लगी है। बीते 14 महीने में निर्यात वृद्धि सकारात्मक रही है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने एक अप्रैल 2015 को विदेश व्यापार नीति घोषित की थी। इसके तहत 2020 तक निर्यात बढ़ाकर 900 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही इसमें वैश्विक निर्यातों में भारत की हिस्सेदारी दो प्रतिशत से बढ़ाकर 3.5 प्रतिशत करने का लक्ष्य भी है।
• सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए निर्यातकों के संगठन फियो के अध्यक्ष गणोश कुमार गुप्ता ने कहा कि एमईआइएस के प्रोत्साहन में दो फीसद की वृद्धि श्रम आधारित उद्योगों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाएगी। 
• गुप्ता ने कहा कि वाणिज्य मंत्रलय में नई लॉजिस्टिक डिवीजन का गठन भी निर्यातकों के हित में है। इससे निर्यातकों की लॉजिस्टिक्स की लागत कम करने में मदद मिलेगी।

6. सीरियाई किशोर को मिला अंतर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार

• सीरिया के 16 वर्षीय मोहम्मद अल जोंडी को सीरियाई शरणार्थी बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के प्रयासों के लिए सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार 2017 से नवाजा गया।
• समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, सीरियाई नागरिक युद्ध के शरणार्थी अल जोंडी ने लेबनान के शरणार्थी शिविर में अपने परिवार के साथ मिलकर एक स्कूल की स्थापना की है और यह स्कूल मौजूदा समय में 200 बच्चों को शिक्षा मुहैया करा रहा है।
• जोंडी ने कहा, स्कूल सिर्फ वह स्थान नहीं है, जहां आप लिखना और पढ़ना सीख सकें। यह एक ऐसा स्थान भी है, जहां आप दोस्त बना सकते हैं और यादों को संजो कर रख सकते हैं। नए लोगों के बारे में जान सकते हैं और दूसरे लोगों को अपने बारे में बता सकते हैं।
• जोंडी ने कहा, स्कूल एक ऐसा स्थान है, जहां आप के व्यक्तित्व का निर्माण होता है, जहां आप बिना किसी झिझक या परेशानी के खुद को अभिव्यक्त कर सकते हैं और शिक्षकों एवं अन्य साथियों केसाथ अपने विचारों पर र्चचा करते हो। अल जोंडी को मलाला यूसुफजई से यह पुरस्कार मिला।
• मलाला को बच्चों के अधिकारों के लिए किए गए कायरे के लिए 2013 में नोबल शांति पुरस्कार मिल चुका है। मलाला ने कहा, जैसा कि मोहम्मद जानता है कि सीरिया का भविष्य उसके बच्चों पर निर्भर है और बच्चों का भविष्य शिक्षा पर निर्भर है।
• मोहम्मद और उसके परिवार ने निजी तौर पर जो भी पीड़ा सही हो लेकिन उन्होंने कई बच्चों की स्कूल जाने में मदद की।

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