1.दागी नेताओं को ‘‘निपटाने’ के लिए 12 विशेष अदालतें
• केंद्र सरकार ने दोगी नेताओं पर लंबित फौजदारी मुकदमों का जल्द निपटारा करने के लिए 12 नई विशेष अदालतों के गठन को मंजूरी दे दी है। इसके लिए सात करोड़ 80 लाख रपए मंजूर किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कानून मंत्रालय ने कहा है कि देशभर के दागी नेताओं पर चल रहे आपराधिक मुकदमों के आंकड़े एकत्र करने में समय लगेगा।• केंद्र ने देश भर में सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों का विवरण एकत्र करने के लिए अदालत से कुछ समय देने का भी अनुरोध किया।विधि एवं न्याय मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा कि इस काम के लिए सात करोड़ 80 लाख रपए आवंटित किए गए हैं।
• मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद यह हलफनामा दाखिल किया है। अदालत ने कहा था कि जनप्रतिनिधियों की संलिप्तता वाले मुकदमों के लिए विशेष अदालतें गठित करने की योजना पेश की जाए।
• केंद्र ने विभिन्न हाई कोटरे और निचली अदालतों में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ लंबित मामलों का विवरण पेश करने के लिए समय देने का अनुरोध करते हुए कहा कि हाई कोटरे से जानकारी मांगी गई है और उनके जवाब की प्रतीक्षा है।
• मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव रीता वशिष्ठ के माध्यम से दायर हलफनामे में कहा गया है कि इस योजना के अनुसार एक साल के लिए 12 विशेष अदालतें नेताओं के खिलाफ लंबित मामलों के निबटारे के लिए गठित की जाएंगी। इसमें कहा गया है कि वित्त मंत्रालय ने सिद्धांत रूप में इस योजना को आठ दिसम्बर को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
• सुप्रीम कोर्ट ने एक नवम्बर को केंद्र, सांसदों और विधायकों की संलिप्तता वाले 1581 आपराधिक मामलों के बारे में विवरण पेश करने को कहा था। इन सांसदों और विधायकों ने 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान नामांकन करते समय इसकी घोषणा की थी।
• अदालत ने सरकार से यह भी जानना चाहा था कि 1581 मामलों में से एक साल के भीतर कितने मुकदमों का निबटारा किया गया और इनमें से कितने में सजा हुई या अभियुक्त बरी हुए। सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि 1581 मामलों का आंकड़ा एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) से प्राप्त हुआ है परंतु यह आंकड़ा उपलब्ध नहीं है कि किन अदालतों में ये मामले लंबित हैं।
• अदालत के आदेश के अनुसार सवालों का जवाब देने के लिए तयों और आंकड़ों को एकत्र करना मुश्किल है। जिन राज्यों में ये मामले लंबित हैं, उनसे अपेक्षित विवरण एकत्र करने के लिए कार्रवाई शुरू की गई है। सरकार ने अदालत को बताया कि निर्वाचन आयोग और विधि आयोग ने आपराधिक मामलों में दोषी नेताओं को उम्र भर के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की है और यह सरकार के पास विचाराधीन है।
• अदालत जन प्रतिनिधित्व कानून के उन प्रावधानों को असंवैधानिक घोषित करने के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है जो दोषियों को जेल की सजा पूरी करने के बाद उनके छह साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाता है।
2. इलेक्शन बांड की 15 दिन रहेगी वैध अवधि
• राजनीतिक दलों को चंदा उपलब्ध कराने की व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार द्वारा प्रस्तावित चुनावी बांड की वैध अवधि को 15 दिन रखा जा सकता है। कम अवधि के लिए जारी करने से बांड के दुरुपयोग को रोकने में मदद मिलेगी।
• आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चुनावी बांड के लिए दिशानिर्देश करीब करीब तैयार कर लिए गए हैं। वित्त मंत्रालय इन्हें देख रहा है और अंतिम रूप दे रहा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चुनावी बांड की घोषणा वर्ष 2017-18 के बजट में की है।
• सूत्रों के अनुसार चुनावी बांड एक प्रकार के धारक बांड होंगे। जिस किसी के भी पास ये बांड होंगे वह इन्हें एक निर्धारित खाते में जमा कराने के बाद भुना सकता है। हालांकि यह काम तय अवधि के भीतर करना होगा।एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, हर राजनीतिक दल का एक अधिसूचित बैंक खाता होगा।
• उस राजनीतिक दल को जो भी बांड मिलेंगे उसे वह उसी खाते में जमा कराने होंगे। यह एक प्रकार की दस्तावेजी मुद्रा होगी और उसे 15 दिन के भीतर भुनाना होगा अन्यथा इसकी वैधता समाप्त हो जाएगी।
• अधिकारी ने कहा कि बांड को कम अवधि के लिए वैध रखे जाने के पीछे उद्देश्य इसके दुरुपयोग को रोकना है।
• आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चुनावी बांड के लिए दिशानिर्देश करीब करीब तैयार कर लिए गए हैं। वित्त मंत्रालय इन्हें देख रहा है और अंतिम रूप दे रहा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चुनावी बांड की घोषणा वर्ष 2017-18 के बजट में की है।
• सूत्रों के अनुसार चुनावी बांड एक प्रकार के धारक बांड होंगे। जिस किसी के भी पास ये बांड होंगे वह इन्हें एक निर्धारित खाते में जमा कराने के बाद भुना सकता है। हालांकि यह काम तय अवधि के भीतर करना होगा।एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, हर राजनीतिक दल का एक अधिसूचित बैंक खाता होगा।
• उस राजनीतिक दल को जो भी बांड मिलेंगे उसे वह उसी खाते में जमा कराने होंगे। यह एक प्रकार की दस्तावेजी मुद्रा होगी और उसे 15 दिन के भीतर भुनाना होगा अन्यथा इसकी वैधता समाप्त हो जाएगी।
• अधिकारी ने कहा कि बांड को कम अवधि के लिए वैध रखे जाने के पीछे उद्देश्य इसके दुरुपयोग को रोकना है।
3. डब्ल्यूटीओ की वार्ता विफल होने के पूरे आसार : प्रभु
• विश्व व्यापार संगठन के तहत भारत को मिल रहा विशेष और तरजीही व्यवहार बिल्कुल उचित है। इस संबंध में अमेरिकी आलोचनाओं को खारिज करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने साफ कर दिया कि भारत ऐसे व्यवहार का सही हकदार है।
• वह यहां डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों की यहां आयोजित चार दिवसीय मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने आए हैं। अमेरिका का कहना है कि भारत जैसे कई विकासशील देश स्वघोषित विकास के दर्जे के नाम पर नियमों को नजरअंदाज कर रहे हैं।
• प्रभु ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विशेष और तरजीही व्यवहार डब्ल्यूटीओ का अभिन्न हिस्सा है। जमीनी सच्चाई यही है कि कुछ देशों की प्रति व्यक्ति आय बहुत कम है। इस कसौटी की अनदेखी नहीं की जा सकती है, खासकर तब जब कई समाज विकास की प्रक्रिया से पीछे छूट गए हों।
• भारत समेत सभी विकासशील देशों की विशेष दर्जे की मांग बिल्कुल सही है। आज के कई विकसित देशों ने भी डब्ल्यूटीओ के पूर्ववर्ती गैट के दौर में नियमों का काफी लाभ उठाया था।
• अब ऐसा देखने में आ रहा है कि देशों की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) को आधार बनाने की दलील दी जा रही है।
• वह यहां डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों की यहां आयोजित चार दिवसीय मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने आए हैं। अमेरिका का कहना है कि भारत जैसे कई विकासशील देश स्वघोषित विकास के दर्जे के नाम पर नियमों को नजरअंदाज कर रहे हैं।
• प्रभु ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विशेष और तरजीही व्यवहार डब्ल्यूटीओ का अभिन्न हिस्सा है। जमीनी सच्चाई यही है कि कुछ देशों की प्रति व्यक्ति आय बहुत कम है। इस कसौटी की अनदेखी नहीं की जा सकती है, खासकर तब जब कई समाज विकास की प्रक्रिया से पीछे छूट गए हों।
• भारत समेत सभी विकासशील देशों की विशेष दर्जे की मांग बिल्कुल सही है। आज के कई विकसित देशों ने भी डब्ल्यूटीओ के पूर्ववर्ती गैट के दौर में नियमों का काफी लाभ उठाया था।
• अब ऐसा देखने में आ रहा है कि देशों की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) को आधार बनाने की दलील दी जा रही है।
4. भारत के लिए चुनौती हैं नेपाल के चुनाव नतीजे
• नेपाल में वामपंथी गठबंधन की भारी जीत भारत के लिए नई कूटनीतिक चुनौती साबित हो सकती है। नेपाल के वामपंथी दलों का झुकाव चीन की ओर रहा है। ऐसे में नेपाल में चीन की गतिविधियां बढ़ सकती हैं। मालदीव और चीन की बढ़ती नजदीकी पहले से ही भारत के लिए सिरदर्द बनी हुई है।
• नेपाली संसद के लिए हुए सीधे चुनाव में वाम गठबंधन अभी तक 165 में से 113 सीटें जीत चुका है, जबकि भारत समर्थक माने जाने वाली नेपाली कांग्रेस को महज 21 सीटों से ही संतोष करना पड़ रहा है। ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली के नेतृत्व में इस महीने के अंत तक वामपंथी दलों की सरकार बननी तय मानी जा रही है।
• 2015 में ओली की सरकार नौ महीने में ही संसद में बहुमत नहीं साबित करने के कारण गिर गई थी। तब आरोप लगा था कि ओली की सरकार गिराने के लिए पीछे भारत का हाथ है। यही नहीं, ओली की सरकार के दौरान प्रस्तावित संविधान के खिलाफ तराई के इलाकों में प्रबल मधेशी आंदोलन उठ खड़ा हुआ था।
• नेपाल में वाम दल इसके लिए भी भारत को जिम्मेदार ठहराते हैं। मधेशी आंदोलन के दौरान ट्रकों की आवाजाही पर रोक लगाने से ओली सरकार के भारत के साथ रिश्ते सबसे निचले स्तर पर आ गए थे। इसके बाद केपी ओली ने चीन की तरफ हाथ बढ़ाया। भारत को घेरने की कोशिश में जुटा चीन नेपाल की भारत पर निर्भरता खत्म करने के लिए हरसंभव मदद को तैयार है।
• ऐसे में आशंका है कि केपी ओली की नई सरकार भारत की कीमत पर चीन के साथ नए सिरे से दोस्ती का हाथ बढ़ा सकती है। भारत के लिए राहत की बात इतनी है कि भले ही सीधे चुनाव में नेपाली कांग्रेस तीसरे नंबर पर खिसक गई हो, लेकिन अप्रत्यक्ष चुनाव में उसे अधिक सीटें मिलने की उम्मीद है।
• नेपाली संसद में 111 सीटें अप्रत्यक्ष चुनाव से भरी जाती है। यही नहीं, पहली बार 21 मधेशी नेता भी संसद में पहुंच रहे हैं। ऐसे में एक मजबूत विपक्ष वामपंथी दलों की मनमानी को रोकने में सफल हो सकता है। इसके अलावा भारत की ओर से नेपाल के वामपंथियों को व्यक्तिगत संबंधों के आधार पर साधने की भी कोशिश शुरू हो गई है।
• बताया जाता है कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव के केपी ओली के साथ बहुत अच्छे संबंध है। वामपंथी दलों की जीत के संकेत मिलते ही राम माधव ने ट्विटर पर उन्हें जीत की बधाई भी दे दी।
• नेपाली संसद के लिए हुए सीधे चुनाव में वाम गठबंधन अभी तक 165 में से 113 सीटें जीत चुका है, जबकि भारत समर्थक माने जाने वाली नेपाली कांग्रेस को महज 21 सीटों से ही संतोष करना पड़ रहा है। ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली के नेतृत्व में इस महीने के अंत तक वामपंथी दलों की सरकार बननी तय मानी जा रही है।
• 2015 में ओली की सरकार नौ महीने में ही संसद में बहुमत नहीं साबित करने के कारण गिर गई थी। तब आरोप लगा था कि ओली की सरकार गिराने के लिए पीछे भारत का हाथ है। यही नहीं, ओली की सरकार के दौरान प्रस्तावित संविधान के खिलाफ तराई के इलाकों में प्रबल मधेशी आंदोलन उठ खड़ा हुआ था।
• नेपाल में वाम दल इसके लिए भी भारत को जिम्मेदार ठहराते हैं। मधेशी आंदोलन के दौरान ट्रकों की आवाजाही पर रोक लगाने से ओली सरकार के भारत के साथ रिश्ते सबसे निचले स्तर पर आ गए थे। इसके बाद केपी ओली ने चीन की तरफ हाथ बढ़ाया। भारत को घेरने की कोशिश में जुटा चीन नेपाल की भारत पर निर्भरता खत्म करने के लिए हरसंभव मदद को तैयार है।
• ऐसे में आशंका है कि केपी ओली की नई सरकार भारत की कीमत पर चीन के साथ नए सिरे से दोस्ती का हाथ बढ़ा सकती है। भारत के लिए राहत की बात इतनी है कि भले ही सीधे चुनाव में नेपाली कांग्रेस तीसरे नंबर पर खिसक गई हो, लेकिन अप्रत्यक्ष चुनाव में उसे अधिक सीटें मिलने की उम्मीद है।
• नेपाली संसद में 111 सीटें अप्रत्यक्ष चुनाव से भरी जाती है। यही नहीं, पहली बार 21 मधेशी नेता भी संसद में पहुंच रहे हैं। ऐसे में एक मजबूत विपक्ष वामपंथी दलों की मनमानी को रोकने में सफल हो सकता है। इसके अलावा भारत की ओर से नेपाल के वामपंथियों को व्यक्तिगत संबंधों के आधार पर साधने की भी कोशिश शुरू हो गई है।
• बताया जाता है कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव के केपी ओली के साथ बहुत अच्छे संबंध है। वामपंथी दलों की जीत के संकेत मिलते ही राम माधव ने ट्विटर पर उन्हें जीत की बधाई भी दे दी।
5. रूस से मिसाइल रक्षा प्रणाली के लिए जल्द हो सकता है समझौता
• भारत और रूस के बीच मिसाइल रक्षा प्रणाली एस-400 के लिए बातचीत आगे बढ़ रही है। रूस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रूसी मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद के लिए भारत और रूस जल्द समझौता कर सकते हैं।
• सरकारी रक्षा और औद्योगिक समूह ‘रॉस्टेक’ की अंतरराष्ट्रीय सहयोग और क्षेत्रीय नीति के निदेशक विक्टर ए क्लादोव के अनुसार, फिलहाल इस मसले पर चर्चा चल रही है कि भारत कितनी संख्या में एस-400 खरीदेगा।
• क्लादोव ने कहा, ‘तकनीकी पक्ष पर बातचीत चल रही है। यह बेहद उन्नत प्रणाली है। इसके लिए कई तकनीकी पहलुओं को देखा जाना है। इसकी कीमत, प्रशिक्षण, तकनीक के हस्तांतरण, कमान की स्थापना और नियंत्रण केंद्र के बारे में भी वार्ता हो रही है।’
• गौरतलब है कि भारत ने पिछले साल अक्टूबर में रूस से 32 हजार करोड़ रुपये की लागत से हवाई रक्षा प्रणाली और चार फ्रिगेट के निर्माण के अलावा कामोव हेलीकॉप्टरों के संयुक्त निर्माण के लिए समझौता करने की घोषणा की थी।
• यह घोषणा पिछले साल गोवा में ब्रिक्स देशों के सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई वार्ता के बाद की गई थी।
• सरकारी रक्षा और औद्योगिक समूह ‘रॉस्टेक’ की अंतरराष्ट्रीय सहयोग और क्षेत्रीय नीति के निदेशक विक्टर ए क्लादोव के अनुसार, फिलहाल इस मसले पर चर्चा चल रही है कि भारत कितनी संख्या में एस-400 खरीदेगा।
• क्लादोव ने कहा, ‘तकनीकी पक्ष पर बातचीत चल रही है। यह बेहद उन्नत प्रणाली है। इसके लिए कई तकनीकी पहलुओं को देखा जाना है। इसकी कीमत, प्रशिक्षण, तकनीक के हस्तांतरण, कमान की स्थापना और नियंत्रण केंद्र के बारे में भी वार्ता हो रही है।’
• गौरतलब है कि भारत ने पिछले साल अक्टूबर में रूस से 32 हजार करोड़ रुपये की लागत से हवाई रक्षा प्रणाली और चार फ्रिगेट के निर्माण के अलावा कामोव हेलीकॉप्टरों के संयुक्त निर्माण के लिए समझौता करने की घोषणा की थी।
• यह घोषणा पिछले साल गोवा में ब्रिक्स देशों के सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई वार्ता के बाद की गई थी।
6. ओमान, तुर्की के साथ पर्यटन क्षेत्र में सहयोग करेगा भारत
• पर्यटन व संस्कृति के क्षेत्र में भारत अब ओमान व तुर्की के साथ आपसी सहयोग करेगा। भारत ने ओमान के साथ इस संबंध में एक समझौता ज्ञापन को भी अंतिम रूप दिया है, वहीं तुर्की के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए एक संयुक्त समिति के गठन का निर्णय लिया है।
• संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, भारत व ओमान के बीच पर्यटन व संस्कृति के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा की मौजूदगी में मस्कट में हस्ताक्षर किए गए हैं।
• डॉ. शर्मा ने वहां यूएनडब्लूटीओ तथा यूनेस्को आयोजित दूसरे पर्यटन विश्व सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
• संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने वहां शांति और समृद्धि के लिए पर्यटन के महत्व तथा पर्यटन के जरिए सांस्कृतिक विरासतों और प्रकृति के संरक्षण की संभावनाओं पर विस्तार से र्चचा करने के साथ ओमान और भारत के बीच संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग पर भी र्चचा की।
• संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, भारत व ओमान के बीच पर्यटन व संस्कृति के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा की मौजूदगी में मस्कट में हस्ताक्षर किए गए हैं।
• डॉ. शर्मा ने वहां यूएनडब्लूटीओ तथा यूनेस्को आयोजित दूसरे पर्यटन विश्व सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
• संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने वहां शांति और समृद्धि के लिए पर्यटन के महत्व तथा पर्यटन के जरिए सांस्कृतिक विरासतों और प्रकृति के संरक्षण की संभावनाओं पर विस्तार से र्चचा करने के साथ ओमान और भारत के बीच संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग पर भी र्चचा की।
7. ट्रंप ने नई अंतरिक्ष नीति पर हस्ताक्षर किया
• अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को नई अंतरिक्ष नीति पर हस्ताक्षर किये हैं जो नासा को अमेरिकी नागरिकों को पहले चांद पर और फिर मंगल ग्रह पर भेजने का निर्देश देती है। पिछले कई दशकों से चांद पर किसी अमेरिकी को नहीं भेजा गया है और यह नीति अमेरिकी अंतरिक्षयात्रियों को फिर से वहां भेजने की दिशा में पहल है।
• व्हाइट हाउस में ट्रंप ने कहा, मैं जिस दिशा निर्देश पर हस्ताक्षर कर रहा हूं वह अमेरिकी अंतरिक्ष कार्यक्र म के मनुष्यों के जरिए अन्वेषण और खोज पर बल देगा। यह 1972 के बाद पहली बार अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों के लंबे समय के लिए चांद पर जाने और खोज करने का महत्वपूर्ण कदम होगा। इससे पहले अपोलो मिशन के दौरान 1960 और 1970 की दशक में अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री चांद पर गए थे।
• व्हाइट हाउस में नयी अंतरिक्ष नीति निर्देशों पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा, इस बार हम वहां सिर्फ अपना झंडा लगाकर अपना निशान नहीं छोड़ेंगे। इस कदम से अंतत: हम मंगल मिशन, और भविष्य में अन्य ग्रहों की यात्रा के लिए नींव रख रहे हैं।
• 21 जुलाई 1969 को अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग ने चांद पर पहला कदम रखा था। राष्ट्रीय अंतरिक्ष परिषद के प्रमुखों राष्ट्रपति ट्रंप और उपराष्ट्रपति माइक पेन्स ने चांद पर फिर से अंतरिक्षयान भेजने की बात कही थी, लेकिन उन्होंने इस संबंध में कुछ खास जानकारी नहीं दी थी।
• व्हाइट हाउस में ट्रंप ने कहा, मैं जिस दिशा निर्देश पर हस्ताक्षर कर रहा हूं वह अमेरिकी अंतरिक्ष कार्यक्र म के मनुष्यों के जरिए अन्वेषण और खोज पर बल देगा। यह 1972 के बाद पहली बार अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों के लंबे समय के लिए चांद पर जाने और खोज करने का महत्वपूर्ण कदम होगा। इससे पहले अपोलो मिशन के दौरान 1960 और 1970 की दशक में अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री चांद पर गए थे।
• व्हाइट हाउस में नयी अंतरिक्ष नीति निर्देशों पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा, इस बार हम वहां सिर्फ अपना झंडा लगाकर अपना निशान नहीं छोड़ेंगे। इस कदम से अंतत: हम मंगल मिशन, और भविष्य में अन्य ग्रहों की यात्रा के लिए नींव रख रहे हैं।
• 21 जुलाई 1969 को अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग ने चांद पर पहला कदम रखा था। राष्ट्रीय अंतरिक्ष परिषद के प्रमुखों राष्ट्रपति ट्रंप और उपराष्ट्रपति माइक पेन्स ने चांद पर फिर से अंतरिक्षयान भेजने की बात कही थी, लेकिन उन्होंने इस संबंध में कुछ खास जानकारी नहीं दी थी।
8. अब एक ही टीके से रोका जा सकेगा हैजा
• वैज्ञानिकों ने हैजा को फैलने से रोकने के लिए एक हाई डोस टीका तैयार किया है। वैज्ञानिकों ने इसे वैक्सकोरा नाम दिया है। यह ओरल टीका एक सिंगल डोस है।
• अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने वयस्कों (18-64 आयुवर्ग) को इसके इस्तेमाल की अनुमति भी दे दी है।
• क्लीनिकल एंड वैक्सीन इम्मयुनोलॉजी नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक इस टीके का असर जानने के लिए 150 प्रतिभागियों को शामिल किया गया। इसमें शोधकर्ताओं ने हैजा वैक्सीन सीवीडी 103-एचजीआर के हाई डोस की प्रभावशीलता की जांच की।
• कम आय वाले देशों के लिए साबित होगी उपयोगी : अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड में मैरोन एम लेविन के मुताबिक, हैजा की रोकथाम में एक डोस वाला यह टीका बेहद कारगर है। ये कम आय वाले देशों में बेहद उपयोगी साबित हो सकता है।
• इसके बाद हैजा को फैलने से रोकने के लिए रोगी को बार-बार टीका नहीं देना पड़ेगा, जिससे उस पर आर्थिक रूप से अधिभार नहीं पड़ेगा।
• इन स्थानों पर है गंभीर समस्या : शोधकर्ताओं के मुताबिक, अफ्रीका, एशिया और कैरेबियन में हैजा एक गंभीर बीमारी है। बहुत से मामलों में मरीज को दस्त लग जाते हैं और पानी की कमी के कारण मृत्यु तक हो जाती है।
• विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि इस वर्ष केवल यमन में ही हैजा के 10 लाख मामले सामने आए हैं। ऐसी स्थिति में एक डोस वाला यह टीका ऐसे इलाकों में लाभकारी साबित हो सकता है।
• अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने वयस्कों (18-64 आयुवर्ग) को इसके इस्तेमाल की अनुमति भी दे दी है।
• क्लीनिकल एंड वैक्सीन इम्मयुनोलॉजी नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक इस टीके का असर जानने के लिए 150 प्रतिभागियों को शामिल किया गया। इसमें शोधकर्ताओं ने हैजा वैक्सीन सीवीडी 103-एचजीआर के हाई डोस की प्रभावशीलता की जांच की।
• कम आय वाले देशों के लिए साबित होगी उपयोगी : अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड में मैरोन एम लेविन के मुताबिक, हैजा की रोकथाम में एक डोस वाला यह टीका बेहद कारगर है। ये कम आय वाले देशों में बेहद उपयोगी साबित हो सकता है।
• इसके बाद हैजा को फैलने से रोकने के लिए रोगी को बार-बार टीका नहीं देना पड़ेगा, जिससे उस पर आर्थिक रूप से अधिभार नहीं पड़ेगा।
• इन स्थानों पर है गंभीर समस्या : शोधकर्ताओं के मुताबिक, अफ्रीका, एशिया और कैरेबियन में हैजा एक गंभीर बीमारी है। बहुत से मामलों में मरीज को दस्त लग जाते हैं और पानी की कमी के कारण मृत्यु तक हो जाती है।
• विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि इस वर्ष केवल यमन में ही हैजा के 10 लाख मामले सामने आए हैं। ऐसी स्थिति में एक डोस वाला यह टीका ऐसे इलाकों में लाभकारी साबित हो सकता है।
9. छह राजनयिकों को संयुक्त राष्ट्र में दिवाली ‘पॉवर ऑफ वन’ अवार्ड
• दुनिया को परिपूर्ण, शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाने में योगदान देने के लिए संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भारतीय महिला समेत छह शीर्ष राजनयिकों को पहले दिवाली ‘पॉवर ऑफ वन’ अवार्ड से सम्मानित किया गया। अमेरिकी डाक सेवा द्वारा पिछले साल दिवाली स्टाम्प जारी किए जाने की पहली वर्षगांठ पर सोमवार को यह अवार्ड प्रदान किए गए।
• अवार्ड पाने वालों में संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटिश राजदूत मैथ्यू रिक्रॉफ्ट, लेबलॉन के राजदूत नवाफ सलाम और संयुक्त राष्ट्र में भारतीय महिला प्रमुख लक्ष्मी पुरी शामिल हैं। नवाफ सलाम को पिछले माह अंतराष्ट्रीय अदालत के लिए चुना गया है।
• इन्हें भी अवार्ड के लिए चुना गया : अवार्ड पाने वाले अन्य लोगों में संयुक्त राष्ट्र में मिस्न के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि मगेद अब्देलअजीज, मोल्दोवा के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि इयॉन बोत्नारू और संयुक्त राष्ट्र में उक्रेन के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि यूरी सर्गेयेव शामिल हैं।
• कार्यक्रम का सह-आयोजन बेलारूस, जार्जिया और भारत के स्थायी मिशन ने किया जबकि सह-प्रायोजकों में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, श्रीलंका, थाईलैंड, स्पेन, कुवैत और अल्जीरिया समेत करीब दो दर्जन देश शामिल हैं।
• अवार्ड पाने वालों में संयुक्त राष्ट्र में भारतीय महिला प्रमुख लक्ष्मी पुरी भी शामिल
• दुनिया को परिपूर्ण, शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाने में योगदान देने के लिए दिया अवार्डसंयुक्त राष्ट्र में भारतीय महिला प्रमुख लक्ष्मी पुरी।
• अवार्ड पाने वालों में संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटिश राजदूत मैथ्यू रिक्रॉफ्ट, लेबलॉन के राजदूत नवाफ सलाम और संयुक्त राष्ट्र में भारतीय महिला प्रमुख लक्ष्मी पुरी शामिल हैं। नवाफ सलाम को पिछले माह अंतराष्ट्रीय अदालत के लिए चुना गया है।
• इन्हें भी अवार्ड के लिए चुना गया : अवार्ड पाने वाले अन्य लोगों में संयुक्त राष्ट्र में मिस्न के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि मगेद अब्देलअजीज, मोल्दोवा के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि इयॉन बोत्नारू और संयुक्त राष्ट्र में उक्रेन के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि यूरी सर्गेयेव शामिल हैं।
• कार्यक्रम का सह-आयोजन बेलारूस, जार्जिया और भारत के स्थायी मिशन ने किया जबकि सह-प्रायोजकों में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, श्रीलंका, थाईलैंड, स्पेन, कुवैत और अल्जीरिया समेत करीब दो दर्जन देश शामिल हैं।
• अवार्ड पाने वालों में संयुक्त राष्ट्र में भारतीय महिला प्रमुख लक्ष्मी पुरी भी शामिल
• दुनिया को परिपूर्ण, शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाने में योगदान देने के लिए दिया अवार्डसंयुक्त राष्ट्र में भारतीय महिला प्रमुख लक्ष्मी पुरी।
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