Monday, 14 November 2016

30 october 2016....4. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से बाहर हुआ रूस:-

सीरिया में अपनी नीतियों के कारण युद्ध अपराध के आरोपों का सामना कर रहा रूस संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से बाहर हो गया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने परिषद के 14 सदस्यों का चुनाव किया है। चुने गए देशों में चीन, अमेरिका, ब्रिटेन एवं अन्य शामिल हैं। निर्वाचित देशों का तीन वर्षो का कार्यकाल एक जनवरी 2017 से शुरू होगा। सदस्य चुने गए अन्य देशों में ट्यूनीशिया, दक्षिण अफ्रीका, रवांडा, जापान, इराक, सऊदी अरब, हंगरी, क्रोएशिया, क्यूबा, ब्राजील, शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद सभी मानवाधिकारों और बुनियादी स्वतंत्रता के प्रोत्साहन और संरक्षण के लिए उत्तरदायी है। महासभा ने 2006 में 60 वर्ष पुराने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग की जगह इसकी स्थापना की थी। परिषद का काम मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों का समाधान और उसके अनुरूप सिफारिशें करना है। परिषद आपात स्थिति में अपना काम करती है और मानवाधिकार हनन को रोकती है। 193 सदस्यीय महासभा में गुप्त मतदान के जरिये परिषद के सदस्यों का चुनाव किया जाता है। दो बार चुना गया कोई भी देश लगातार तीसरी बार निर्वाचित नहीं हो सकता है।
मतदान से भारत दूर : संयुक्त राष्ट्र महासभा समिति ने परमाणु हथियारों को प्रतिबंधित करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है। अगले वर्ष से वार्ता शुरू करने संबंधी प्रस्ताव पर हुए मतदान में भारत ने हिस्सा नहीं लिया। भारत ने कहा है कि वह इस बात से सहमत नहीं है कि परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में यह प्रस्ताव एक कारगर उपाय साबित हो सकेगा। निरस्त्रीकरण और आंतरिक सुरक्षा की देखरेख करने वाली महासभा की पहली समिति ने शुक्रवार को प्रस्ताव के मसौदे को मंजूरी दी। यह मसौदा परमाणु निरस्त्रीकरण समझौते पर है। प्रस्ताव के समर्थन में 123 जबकि विरोध में 38 मत पड़े। 16 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।

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