जम्मू कश्मीर में आतंकवादी बुरहान वानी की मौत के बाद तीन महीने से चल रहा गतिरोध खत्म करने के प्रयास के तहत भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में नागरिक समाज के पांच सदस्यीय शिष्टमंडल ने मंगलवार को कट्टरपंथी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी से हैदरपोरा स्थित उनके आवास पर मुलाकात की। गिलानी के साथ बैठक से पहले सिन्हा ने बताया कि वे यहां किसी शिष्टमंडल के रूप में नहीं आए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमलोग सद्भावना और मानवता के आधार पर यहां आए हैं। इसका लक्ष्य लोगों के दुख दर्द और कष्टों को साझा करना है। अगर हम ऐसा कर सके तो खुद को धन्य महसूस करेंगे।’ दल के मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासिन मलिक जैसे अन्य अलगाववादी नेताओं से मिलने के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा कि वे हर किसी से मिलने की कोशिश कर रहे हैं। दौरे के समय को लेकर सवाल पूछे जाने पर पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘यह बहुत शाश्वत प्रश्न है कि आपने ऐसा पहले क्यों नहीं किया। हमलोग इसे काफी उपयुक्त समय पर कर रहे हैं।’ अलगाववादियों से कोई आमंतण्रमिलने के संबंध में पूछे जाने पर सिन्हा ने बताया, ‘‘हमें कोई आमंतण्र(गिलानी से) नहीं मिला। हमने उनसे आग्रह (बैठक के लिए) किया था और हम उन्हें देखने जा रहे हैं।’ शिष्टमंडल के अन्य सदस्यों में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्ला, पूर्व एयर वाइस-मार्शल कपिल काक, पत्रकार भारत भूषण और सेंटर फॉर डायलॉग एंड रिकॉन्सिलिएशन की सुशोबा बव्रे शमिल थे। बहरहाल, शिष्टमंडल का उदारवादी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस नेता मीरवाइज उमर फारूक से भी मिलना निर्धारित है। मीरवाइज को सोमवार रात चश्मा-साहिब उप-जेल से रिहा किया गया था। उन्हें 27 अगस्त से इसी जेल में रखा गया था।
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