सरकार देश में विदेशी मुद्रा प्रवाह में और तेजी लाने के मकसद से कारोबार समेत विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों को और उदार बनाने पर विचार कर रही है। सूत्रों ने कहा कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय इस दिशा में पहले से काम कर रहा है। उसने कहा कि एकल ब्रांड खुदरा कारोबार में कुछ मुद्दे हैं जिसकी समीक्षा की जरूरत है। इस खंड में एक बड़े खुदरा कारोबार ने औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) से अधिकतम खुदरा मूल्य का लेबल और उनकी फिर से लेबिलिंग के मुद्दों पर गौर करने को कहा है। उसने कहा कि सरकार सूचना और प्रसारण क्षेत्र समेत अन्य क्षेत्रों में कुछ नियमों को उदार बनाने पर भी विचार कर सकता है। पिछले साल नवम्बर में एफडीआई नीति में छूट दी गई थी। इस साल जून में उसने नागर विमानन, खाद्य प्रसंस्करण, रक्षा एवं फार्मा समेत एक दर्जन से अधिक क्षेत्रों में शतरें में ढील दी थी। डीआईपीपी सचिव रमेश अभिषेक ने हाल ही में कहा कि सरकार विभिन्न क्षेत्रों में कुछ नीतिगत मुद्दों का समाधान करने की कोशिश कर रही है। वित्त वर्ष 2015-16 में एफडीआई 29 फीसद बढ़कर 40 अरब डालर रहा।
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