देश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए किए गए उपायों के बल पर भारत इस मामले में दुनिया में तीसरे पायदान पर पहुंच गया है।सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों के शीर्ष संगठन नासकाम और जिनोव की रिपोर्ट ‘‘इंडियन स्टार्टअप इकोसिस्टम मैच्योरिंग-2016’ के मुताबिक भारत में स्टार्टअप के अनुकूल माहौल बने रहने से वर्ष 2020 तक यहां 10,500 से अधिक स्टार्टअप हो जाएंगे। स्टार्टअप के अनुकूल माहौल का इसी बात से पता चलता है कि लगभग चार अरब डालर के फंड से यहां लगभग 650 स्टार्टअप शुरू हुए हैं।यह रिपोर्ट नासकाम के एक कार्यक्रम के इतर जारी की गई। इस मौके पर नासकाम अध्यक्ष सीपी गुरनामी और प्रेसीडेंट आर. चंद्रशेखर भी मौजूद थे। रिपोर्ट के मुताबिक इस साल पिछले वर्ष की तुलना में आठ से दस प्रतिशत अधिक 1400 नए स्टार्टअप बनने का अनुमान है। इस साल 80 से अधिक विलय एवं अधिग्रहण का अनुमान है, जिनमें से 60 से अधिक सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं।भारतीय स्टार्टअप ने लगभग 95 प्रतिशत समझौते किए हैं। भारतीय स्टार्टअप में एक लाख से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। भारत में सबसे अधिक स्टार्टअप बेंगलुरु, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और मुम्बई में हैं। निवेशक स्वास्य से जुड़ी प्रौद्योगिकी, वित्त क्षेत्र से जुड़ी प्रौद्योगिकी और शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी प्रौद्योगिकी में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं।
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