आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास ने जोर देकर कहा है कि सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को अगले वित्त वर्ष से क्रि यान्वित करने को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने उम्मीद जताई कि राजस्व की दृष्टि से जीएसटी की निरपेक्ष दरों पर अगले महीने फैसला हो जाएगा।दास ने यहां उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्र म में कहा, ‘‘दर ढांचे पर फिलहाल जीएसटी परिषद और सार्वजनिक रूप से काफी विचार-विमर्शचल रहा है। नवंबर के पहले सप्ताह में जीएसटी परिषद की बैठक में इसे सुलझा लिया जाएगा। एक या दो बैठकों में हम इसको लेकर निष्कर्ष पर पहुंच जाएंगे।’ आलोचनाओं को खारिज करते हुए दास ने कहा कि दर ढांचे को बेहद व्यावहारिक आधार पर तैयार किया जा रहा है। उन्होेंने कहा कि दर आवश्यक रूप से राजस्व की दृष्टि से निरपेक्ष होनी चाहिए। आप ऐसा दर ढांचा नहीं बना सकते जिसमें सरकारों को भारी घाटा झेलना पड़े। ऐसे में जीएसटी दरों पर इस तरीके से काम किया जा रहा जिससे कि ज्यादातर उत्पाद मानक दर 18 प्रतिशत के दायरे में आएं।उन्होंने कहा कि जो उत्पाद बेहद महत्वपूर्ण हैं और विभिन्न वगरें के लोगों तथा आम आदमी द्वारा जिनका इस्तेमाल किया जाता है, के लिए जीएसटी दर छह प्रतिशत रखने का प्रस्ताव है। इसके अलावा 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दर का प्रस्ताव है। अहितकर उत्पादों के लिए अधिक ऊंची दर का प्रस्ताव है।पी. चिदंबरम ने जीएसटी के लिए बहु दर ढांचे के प्रस्ताव को ‘‘घातक’ बताया था। दास ने जोर देकर कहा कि दिवाला कानून के साथ जीएसटी से भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी गतिशीलता आएगी।
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