सरकार को सबसे बड़ा ‘‘ वादी’ बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि न्यायपालिका का बोझ कम करने की जरूरत है क्योंकि उसका अधिकांश समय ऐसे मामलों की सुनवाई करने में लग जाता है जिनमें सरकार एक पक्ष होती है। प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रशासनिक सेवा की तर्ज पर अखिल भारतीय न्यायिक सेवा स्थापित करने की वकालत की । दिल्ली उच्च न्यायालय के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सबसे बड़ी ‘‘वादी’ है। उन्होंने कहा, न्यायपालिका सबसे अधिक समय हमारे ऊपर खर्च करती है। हमारे ऊपर खर्च का मतलब मोदी से नहीं बल्कि सरकार से है। मोदी ने कहा कि अगर मामलों पर ठीक ढंग से विचार करने के बाद केस दायर किये जायें तो न्यायपालिका पर बोझ कम किया जा सकता है। अगर एक शिक्षक सेवा से जुड़े किसी मामले में अदालत के समक्ष जाता है और उसे जीत हासिल होती है तो ऐसे न्यायिक आदेश को आधार बनाया जाना चाहिए ताकि इसका फायदा मिल सके और बाद के स्तर पर हजारों की संख्या में मुकदमों को कम किया जा सके। इस मामले में हालांकि कोई ठोस आंकड़े नहीं हैं, लेकिन सेवा मामलों से लेकर अप्रत्यक्ष करों तक विभिन्न अदालती मामलों में कम से कम 46 प्रतिशत में सरकार एक पक्ष है।
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