• वैसे तो चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के आंकड़े गुरुवार को जारी होंगे जिनसे आर्थिक विकास दर की तस्वीर मिलेगी। लेकिन आर्थिक हालात सुधरने के संकेत दूसरे क्षेत्रों से मिलने लगे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार अगले साल निजी क्षेत्र का पूंजीगत व्यय बढ़ने की उम्मीद है। कंपनियों के बेहतर वित्तीय नतीजे आने से उनकी बैलेंस शीट में सुधार हो रहा है।
• ग्लोबल वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियों का पूंजीगत व्यय बढ़ने से वित्त वर्ष 2018-19 में देश की विकास दर बढ़कर 7.5 फीसद तक बढ़ सकती है।
• रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि वर्ष 2018 भारत के लिए पूर्ण सुधार का पहला वर्ष साबित होगा। घरेलू स्तर पर ही नहीं बल्कि बाहरी मोर्चे पर भी मांग बढ़ने से छह साल में पहली बार देश में निजी क्षेत्र का पूंजीगत व्यय बढ़ सकता है।
• निवेशकों के साथ हुई मॉर्गन स्टेनली की चर्चा के अनुसार छह साल तक निजी पूंजीगत व्यय धीमा रहने के कारण निवेशकों को इसमें सुधार को लेकर थोड़ा संशय है। लेकिन ग्लोबल ब्रोकरेज फर्मो को पूंजीगत निवेश बढ़ने की उम्मीद है। इसके पीछे तीन काम कर रहे हैं। कंपनियों के मुनाफे की संभावना बढ़ रही है और कंपनियों की बैलेंस शीट में सुधार हो रहा है।
• इसके अलावा वित्तीय व्यवस्था भी मजबूत हो रही है। इससे कर्ज की मांग निकलने पर उसे पूरा करने की क्षमता होगी।
• रिपोर्ट के अनुसार उपभोक्ता स्तर पर मांग में सुधार और आसान कर्ज के चलते अगले साल पूंजीगत व्यय में वृद्धि होगी। इससे देश में विश्वास का माहौल बनेगा और आने वाले वर्षो में तेज विकास दर का आधार तैयार होगा।
• ग्लोबल वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियों का पूंजीगत व्यय बढ़ने से वित्त वर्ष 2018-19 में देश की विकास दर बढ़कर 7.5 फीसद तक बढ़ सकती है।
• रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि वर्ष 2018 भारत के लिए पूर्ण सुधार का पहला वर्ष साबित होगा। घरेलू स्तर पर ही नहीं बल्कि बाहरी मोर्चे पर भी मांग बढ़ने से छह साल में पहली बार देश में निजी क्षेत्र का पूंजीगत व्यय बढ़ सकता है।
• निवेशकों के साथ हुई मॉर्गन स्टेनली की चर्चा के अनुसार छह साल तक निजी पूंजीगत व्यय धीमा रहने के कारण निवेशकों को इसमें सुधार को लेकर थोड़ा संशय है। लेकिन ग्लोबल ब्रोकरेज फर्मो को पूंजीगत निवेश बढ़ने की उम्मीद है। इसके पीछे तीन काम कर रहे हैं। कंपनियों के मुनाफे की संभावना बढ़ रही है और कंपनियों की बैलेंस शीट में सुधार हो रहा है।
• इसके अलावा वित्तीय व्यवस्था भी मजबूत हो रही है। इससे कर्ज की मांग निकलने पर उसे पूरा करने की क्षमता होगी।
• रिपोर्ट के अनुसार उपभोक्ता स्तर पर मांग में सुधार और आसान कर्ज के चलते अगले साल पूंजीगत व्यय में वृद्धि होगी। इससे देश में विश्वास का माहौल बनेगा और आने वाले वर्षो में तेज विकास दर का आधार तैयार होगा।
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